राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति अंतिम चरण में : मुख्य बिंदु
भारत बढ़ते साइबर हमलों और खतरों के बाद राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति (National Cybersecurity Strategy) को मंजूरी देने के अंतिम चरण में है।
मुख्य बिंदु
- भारत दुनिया भर में सबसे अधिक साइबर हमले वाले देशों में से एक बन गया है। यहां रोजाना करीब 40 लाख मालवेयर का पता चलता है।
- भारत में हमले की एक बड़ी सतह भी है जिसमें 1.15 बिलियन फोन और 700 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता शामिल हैं।
- इसलिए भारत पिछले दो वर्षों से “राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति” पर काम कर रहा है, जिसे अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा गया है।
वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक में भारत का स्थान
भारत किसी भी बड़े साइबर हमले या खतरों से बचने में कामयाब रहा है। नतीजतन, वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक 2021 में भारत 47 से 10वें स्थान पर पहुंच गया है।
नीति के साथ चुनौतियां
जैसे ही नीति लागू की जाती है, देश को साइबर-कौशल को संबोधित करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक भारत में साइबर सुरक्षा में लगभग 1.5 मिलियन नौकरी रिक्तियां होंगी।
साइबर-शिक्षा कार्यक्रम
Microsoft और भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद (DSCI) ने ‘साइबर-शिक्षा कार्यक्रम’ में निवेश किया है। यह कार्यक्रम भारत में कुशल महिला सुरक्षा पेशेवरों का एक पूल बनाने में मदद करेगा। Microsoft साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में कौशल सुरक्षा नेताओं के लिए MeitY के साथ भी समन्वय कर रहा है।
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति 2020
कड़े ऑडिट के माध्यम से साइबर जागरूकता और साइबर सुरक्षा में सुधार के उद्देश्य से राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति 2020 का मसौदा तैयार किया गया था। इस नीति के तहत, पैनल में शामिल साइबर ऑडिटर संगठनों की सुरक्षा विशेषताओं को ध्यान से देखेंगे।
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