रूस ने अफगान शांति बैठक की मेजबानी की

18 मार्च, 2021 को रूस ने “अफगान शांति बैठक” (Afghan Peace Meet) की मेजबानी की। इस बैठक का आयोजन सरकारी प्रतिनिधियों और तालिबान सलाहकारों को एक साथ लाने के लिए किया गया था। अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया को शुरू करने में मदद करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने भी इसमें भाग लिया।

मुख्य बिंदु

यह बैठक एक दिन के लिए आयोजित की गई थी। यह तीन नियोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के बीच पहली बैठक थी। अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो सैनिकों की अंतिम वापसी के लिए 1 मई, 2021 की समयसीमा के पहले तीन बैठकों की योजना बनाई गई है। अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी की यह तारीख अमेरिका और तालिबान के बीच एक समझौते में तय की गई थी जिसे 2019 में हस्ताक्षरित किया गया था।

रूस की मध्यस्थता

रूस अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया की मध्यस्थता कर रहा है क्योंकि अफगान सरकार और तालिबान के बीच दोहा में वार्ता ठप हो गई है।  अमेरिका और अफगानिस्तान युद्ध विराम के लिए कह रहे हैं।

अफगान शांति प्रक्रिया (Afghan Peace Process)

शांति प्रक्रिया में अफगानिस्तान में जारी युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रस्ताव और वार्ता शामिल है। 2001 में युद्ध शुरू होने के बाद से शांति लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। तालिबान मुख्य विद्रोही समूह है जो अफगान सरकार और अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ लड़ रहा है।  अमेरिका के अलावा शांति प्रक्रिया में भारत, चीन और रूस और नाटो जैसी क्षेत्रीय शक्तियां भी शामिल हैं। शांति प्रक्रिया के एक भाग के रूप में दो शांति संधियों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। पहली संधि पर सितंबर 2016 में अफगान सरकार और हिज्ब-ए इस्लामी गुलबुद्दीन आतंकवादी समूह के बीच हस्ताक्षर किए गए थे, जबकि दूसरी शांति संधि पर 29 फरवरी, 2020 को अमेरिका और तालिबान के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।

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