रूस-यूक्रेन युद्ध सेमीकंडक्टर आपूर्ति को कैसे प्रभावित कर रहा है?

वैश्विक सेमीकंडक्टर चिप आपूर्ति श्रृंखला जो पहले COVID-19 महामारी की चपेट में थी, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण फिर से संकट का सामना कर सकती है। रूस और यूक्रेन दोनों वैश्विक अर्धचालक आपूर्ति श्रृंखला में योगदान करते हैं।

यूक्रेन का योगदान

यूक्रेन नियॉन गैस के दुनिया के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है, जिसका उपयोग चिप निर्माण प्रक्रिया में किया जाता है। इस प्रकार, सेमीकंडक्टर के निर्माण के लिए नियॉन गैस का उपयोग महत्वपूर्ण है। 1991 में USSR के विघटन के बाद, यूक्रेन में नियॉन गैस का उत्पादन बढ़ा है। नियॉन गैस इस्पात उत्पादन का उपोत्पाद (byproduct) है। यह स्टील के निर्माण के दौरान निकलने वाली गैसों के निस्पंदन द्वारा निर्मित होता है।

रूस का योगदान

रूस पैलेडियम (Palladium) का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है और रूस पर मौजूदा प्रतिबंध और निर्यात नियंत्रण पैलेडियम की वैश्विक आपूर्ति को प्रभावित करेगा। पैलेडियम अपनी चालकता और गैर-संक्षारक क्षमता के लिए जाना जाता है और इस प्रकार सेमीकंडक्टर उद्योग में इसका उपयोग प्लेटिंग के लिए उपयोग किया जाता है।

वैकल्पिक स्रोत

रूस-यूक्रेन युद्ध आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान पैदा कर सकता है, परन्तु यह एक बड़ी समस्या पैदा नहीं कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन सामग्रियों के लिए वैकल्पिक आपूर्तिकर्ता हैं। अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम पैलेडियम के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं।  नियॉन को क्लोरीन- और फ्लोरीन-आधारित गैसों से रीप्लेस किया जा सकता है।

रूसी सेमीकंडक्टर उद्योग पर प्रभाव

रूस पर बढ़ते प्रतिबंध उसके घरेलू सेमीकंडक्टर चिप उद्योग को पंगु बना देंगे। निर्यात और आयात नियंत्रणों के कारण, रूस के लिए उच्च-स्तरीय प्रोसेसर और चिपसेट आयात करना मुश्किल होगा, जो उन्नत रक्षा और अंतरिक्ष प्रणालियों के लिए आवश्यक हैं। भारत कुछ सेमीकंडक्टर चिप्स रूस को  निर्यात करता है। लेकिन अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा लगाये गये प्रतिबन्ध रूस को किये जाने वाले भारत के निर्यात पर असर डाल सकते हैं।

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