रैकून स्टीलर (Raccoon Stealer) क्या है?

हाल के एक साइबर हमले में, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और आयकर विभाग सहित केंद्र सरकार की आठ संस्थाओं को रैकून स्टीलर मैलवेयर द्वारा टारगेट किया गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तहत एक विशेष खुफिया एजेंसी, राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) द्वारा प्रभावित एजेंसियों के ध्यान में इस हमले को लाया गया था।

रैकून स्टीलर (Raccoon Stealer) क्या है?

रैकून स्टीलर (Raccoon Stealer) एक सूचना चोरी करने वाला मैलवेयर है जो आमतौर पर ईमेल के माध्यम से भेजा जाता है। यह संक्रमित मशीनों से संवेदनशील डेटा को पुनः प्राप्त करता है और मालवेयर-एज़-ए-सर्विस (MaaS) के रूप में उपलब्ध है। इसका मतलब है कि कोई भी इस मैलवेयर को खरीद सकता है और दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल कर सकता है।

केंद्र सरकार की संस्थाओं पर हमला

NTRO ने हमले की सूचना देने के लिए 24 मार्च को प्रभावित एजेंसियों को पत्र लिखा। खुफिया एजेंसी के अनुसार, हाल के विश्लेषण से पता चला है कि आयकर विभाग के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, केंद्रीय वेतन और लेखा विभाग, लोक निर्माण विभाग, CRPF के आईजी का कार्यालय, NSG के महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल के सहायक निदेशक (प्रशासन), NCERT के सोशल टेक सेंटर, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के संयुक्त निदेशक, और जेएलएन स्टेडियम में भारतीय खेल प्राधिकरण के कंप्यूटर सिस्टम को लक्षित करने के लिए एक दुर्भावनापूर्ण अभियान शुरू किया गया था। 

सरकारी एजेंसियों पर प्रभाव

इन सरकारी एजेंसियों पर हुए हमले ने संवेदनशील डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। रैकून स्टीलर (Raccoon Stealer)  मैलवेयर संवेदनशील डेटा, जैसे व्यक्तिगत जानकारी, वित्तीय डेटा और लॉगिन क्रेडेंशियल्स को पुनः प्राप्त कर सकता है। हमले ने सरकारी एजेंसियों में बेहतर साइबर सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला है।

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