वित्त मंत्रालय ने 17 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान (Revenue Deficit Grant) जारी किया
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 17 राज्यों को ₹9,871 करोड़ के राजस्व घाटा अनुदान (revenue deficit grant) की चौथी मासिक किस्त जारी की है।
मुख्य बिंदु
- इस रिलीज के साथ, केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2021-2022 में सभी पात्र राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में कुल ₹39,484 करोड़ जारी किए हैं।
- आंध्र प्रदेश, हरियाणा, असम, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक उन 17 राज्यों में शामिल हैं जिन्हें अनुदान मिला है।
पृष्ठभूमि
15वें वित्त आयोग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 17 राज्यों को कुल राजस्व घाटा अनुदान 1,18,452 करोड़ रुपये देने की सिफारिश की थी। इस राशि में से अब तक 39,484 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं जो कुल राशि का 33.33% है। 33.33% अनुदान चार किश्तों में जारी किया गया है।
राज्यों को राजस्व घाटा कैसे प्रदान किया जाता है?
राजस्व घाटा (revenue deficit) या हस्तांतरण के बाद राजस्व घाटा अनुदान संविधान के अनुच्छेद 275 के अनुसार राज्यों को प्रदान किया जाता है। 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों पर मासिक किश्तों में अनुदान जारी किया जाता है। यह हस्तांतरण के बाद राज्यों के राजस्व खातों में अंतर को पूरा करने के लिए प्रदान किया जाता है।
कौन से राज्य अनुदान के लिए पात्र हैं?
इस अनुदान को प्राप्त करने के लिए राज्यों की पात्रता और अनुदान की मात्रा का निर्धारण वित्त आयोग द्वारा किया जाता है। यह निर्धारण राज्य के राजस्व और व्यय के आकलन के बीच अंतराल के आधार पर किया जाता है।
संविधान का अनुच्छेद 275
संविधान का अनुच्छेद 275 उस राशि के भुगतान का प्रावधान करता है जो संसद उन राज्यों को सहायता अनुदान के रूप में प्रदान कर सकती है जिन्हें सहायता की आवश्यकता है।प्रत्येक वर्ष भारत की संचित निधि (Consolidated Fund of India) से अनुदान का भुगतान किया जाता है। अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग रकम तय की जाती है।
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