वित्त वर्ष 2023 में भारत का प्रत्यक्ष कर संग्रह : मुख्य बिंदु
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (FY2023) का देश का सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 10 जनवरी तक 24.58% बढ़कर 14.71 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त मंत्रालय ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह के अनंतिम आंकड़े लगातार वृद्धि दर्ज कर रहे हैं।
शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह
रिफंड को समायोजित करने के बाद, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 12.31 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान हुए संग्रह से 19% अधिक है। वित्त मंत्रालय ने 11 जनवरी को कहा कि केंद्र का प्रत्यक्ष कर संग्रह 2022-23 के बजट लक्ष्य के 86.7% तक पहुंच गया।
कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत आयकर
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एक अप्रैल, 2022 से 10 जनवरी, 2023 के बीच सरकार का सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.71 लाख करोड़ रुपये रहा। केंद्र ने अनुमान लगाया था कि यह 2022-23 में प्रत्यक्ष करों के रूप में 14.2 लाख करोड़ रुपये एकत्र करेगा- कॉर्पोरेट टैक्स में 7.2 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर में 7 लाख करोड़ रुपये। वित्त मंत्रालय ने कहा कि रिफंड के समायोजन के बाद, कॉर्पोरेट आयकर संग्रह में शुद्ध वृद्धि 18.33% है और व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 21.64% वृद्धि है।
जीएसटी संग्रह
प्रत्यक्ष कर संग्रह में मजबूत वृद्धि सरकार के लिए अच्छी खबर है क्योंकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह भी बढ़ रहा है। 1 जनवरी को जारी किए गए आंकड़ों से पता चला है कि दिसंबर में कुल वस्तु व सेवा कर संग्रह 1.5 लाख करोड़ रुपये था, जो महीने-दर-महीने 2.5% और दिसंबर 2021 की तुलना में 15.2% अधिक है। मासिक जीएसटी संग्रह अब तक औसतन 1.49 लाख करोड़ रुपये रहा है।
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