विद्युत् मंत्रालय और DRDO ने अर्ली वार्निंग सिस्टम के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
केंद्रीय विद्युत् मंत्रालय और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में पहाड़ी क्षेत्रों में कमजोर जलविद्युत परियोजनाओं या बिजली स्टेशनों के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (early warning systems) स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
पूर्व चेतावनी प्रणाली क्या है?
पूर्व चेतावनी प्रणाली (early warning system – EWS) निम्नलिखित की एक एकीकृत प्रणाली है:
- खतरे की निगरानी, पूर्वानुमान और भविष्यवाणी
- आपदा जोखिम मूल्यांकन
- संचार और तैयारी गतिविधियों की प्रणाली
- ऐसी प्रक्रियाएं जो व्यक्तियों, समुदायों, सरकारों और व्यवसायों को आपदा जोखिमों को कम करने के लिए समय पर कार्रवाई करने में सक्षम बनाती हैं।
एक प्रभावी प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली में चार प्रमुख अंतर-संबंधित तत्व होते हैं:
- आपदा जोखिम ज्ञान को व्यवस्थित रूप से डेटा एकत्र करके और आपदा जोखिमों का आकलन करके प्राप्त किया जाता है
- खतरों और उनके परिणामों का पता लगाना, निगरानी करना, विश्लेषण करना और पूर्वानुमान लगाना
- आपदा की संभावना और प्रभाव पर समय पर, सटीक और कार्रवाई योग्य चेतावनियों और संबंधित जानकारी के आधिकारिक स्रोत से प्रसार और संचार
- प्राप्त चेतावनियों का जवाब देने के लिए सभी स्तरों पर आपदा तैयारी
विद्युत मंत्रालय और DRDO के बीच समझौता ज्ञापन का उद्देश्य क्या है?
- इस समझौता ज्ञापन के अनुसार, DRDO और विद्युत् मंत्रालय हिमस्खलन, भूस्खलन, ग्लेशियर, हिमनदी झीलों और अन्य भू-खतरों के खिलाफ उपयुक्त शमन उपायों को विकसित करने में सहयोग करेंगे।
- DRDO की विशेषज्ञता का उपयोग पहाड़ी क्षेत्रों में कमजोर जलविद्युत परियोजनाओं या बिजली स्टेशनों के लिए एक व्यापक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (EWS) विकसित करने में किया जाएगा।
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