विरासत संरक्षण समिति ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मंजूरी दी

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है जो राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के बीच तीन किलो मीटर की दूरी को कवर करता है। इसके बाद, विरासत संरक्षण समिति ने भी नए संसद के निर्माण को मंजूरी दी है।

विरासत संरक्षण समिति (Heritage Conservation Committee)

विरासत संरक्षण समिति की स्थापना शहरी मामले के मंत्रालय के अपर सचि  की अध्यक्षता में दिल्ली बिल्डिंग बायलॉज, 1983 में धरोहर इमारतों की सुरक्षा के लिए की गई है। केवल दिल्ली और उसके आसपास की इमारतें ही इन कानूनों द्वारा शासित हैं। इसी तरह की संरक्षण समितियाँ राज्य स्तर पर भी स्थापित की जाती हैं।

विरासत संरक्षण समिति द्वारा दी जाने वाली ग्रेडिंग

विरासत संरक्षण समिति तीन ग्रेड प्रदान करती है। वे इस प्रकार हैं:

ग्रेड I : ग्रेड I के तहत आने वाली इमारतों में ऐतिहासिक महत्व की इमारतें शामिल हैं। जब तक यह इमारत के जीवन को मजबूत करने के हित में आवश्यक नहीं है, तब तक किसी भी हस्तक्षेप को धरोहर इमारतों के आंतरिक या बाहरी हिस्से पर अनुमति नहीं दी जाती है।

ग्रेड II: इन इमारतों में क्षेत्रीय या स्थानीय महत्व की वास्तुशिल्प या ऐतिहासिक महत्व शामिल हैं। इन इमारतों में आंतरिक परिवर्तन की अनुमति है।

ग्रेड III: इसमें ऐसी इमारतें शामिल हैं जो स्थापत्य या समाजशास्त्रीय हित से सम्बंधित हैं।

अधिसूचित विरासत भवन

इस सूची में 886 इमारतें अधिसूचित हैं। यह सूची राष्ट्रीय विकास प्रबंधन समिति, दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार की जाती है।

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