विश्व मलेरिया रिपोर्ट, 2020 : मुख्य बिंदु

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व मलेरिया रिपोर्ट, 2020 जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने दक्षिण पूर्व एशिया में मलेरिया के मामलों में सबसे बड़ी कमी दर्ज की है। केस की गिनती 2000 में 20 मिलियन से घटकर 2019 में लगभग 5.6 मिलियन हो गई है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैश्विक मलेरिया मामले पिछले चार वर्षों से अपरिवर्तित है। 2019 में यह संख्या लगभग 229 मिलियन थी। विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया के 11 सबसे अधिक मलेरिया बोझ वाले देशों में से एक है।

मुख्य बिंदु

  • भारत दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में मलेरिया के मामलों में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है।इस क्षेत्र में मलेरिया के लगभग 88% मामले भारत के हैं।
  • भारत ने 2018 और 2019 के बीच मलेरिया के मामलों में 21% की कमी दर्ज की है।
  • भारत ने पिछले दो वर्षों में मलेरिया से होने वाली मौतों को भी कम किया है।2019 में, भारत में मलेरिया के कारण मौतों की संख्या 4,09,000 थी। यह आंकड़ा 2018 में 4,11,000 था।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक मलेरिया बोझ वाले देशों में कैमरून, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, बुर्किना फासो, मोजाम्बिक, माली, घाना, भारत, नाइजीरिया और संयुक्त गणराज्य तंजानिया हैं।इनमें से ज्यादातर देश अफ्रीका के थे।
  • अफ्रीकी क्षेत्र में कुल मलेरिया रोग का 90% से अधिक हिस्सा है।हालांकि, 2000 के बाद से अफ्रीका  में मलेरिया से होने वाली मौतों की संख्या में 44% की कमी आई है।
  • WHO की रिपोर्ट के अनुसार मलेरिया के खिलाफ कुछ विशेष प्रगति नहीं हुई है।यह मुख्य रूप से जीवन रक्षक उपकरणों और कोविड-19 महामारी के कारण हुआ है। यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर वित्त पोषण में कमी के कारण भी हुआ  है।6 बिलियन अमरीकी डालर के लक्ष्य के मुकाबले 2019 में मलेरिया फंड 3 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया था।

विश्व मलेरिया दिवस  25 अप्रैल को मनाया जाता है।

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