विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फाइजर-बायोएनटेक के कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फाइजर और बायोएनटेक द्वारा विकसित कोरोनोवायरस वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। इससे पहले यूरोपीय संघ ने भी इस वैक्सीन को मंज़ूरी दी थी। अब निर्धन देशों को भी यह वैक्सीन प्राप्त हो सकती है।
फाइजर वैक्सीन
फाइजर ने 43,538 प्रतिभागियों के बीच 94 से अधिक COVID-19 संक्रमणों का मूल्यांकन किया। फाइजर वैक्सीन mRNA तकनीक का उपयोग करता है। यह COVID-19 वैक्सीन के लिए यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा निर्धारित 50% प्रभावशीलता से अधिक हासिल करने में सफल रहा है।
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन फाइजर वैक्सीन से बेहतर क्यों है?
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ने फाइजर वैक्सीन की तुलना में बेहतर प्रभावकारिता दिखाई है। ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के विपरीत मॉडर्ना और फाइजर बायोएनटेक वैक्सीन का परिवहन -20 से -80 डिग्री सेल्सियस तापमान पर किया जाना चाहिए। जबकि ऑक्सफोर्ड के टीके सामान्य दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर रेफ्रिजरेट किए जा सकते हैं।
फाइजर को अनिवार्य रूप से डिज़ाइन किए गए “थर्मल शिपर” में अपने टीके को अनिवार्य रूप से वितरित करना पड़ता है जो -80 डिग्री सेल्सियस को बनाए रखने के लिए शुष्क बर्फ का उपयोग करता है।
इसके अलावा, हाल ही में यह साबित हुआ कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की आधी खुराक से उच्च सुरक्षा मिलने की संभावना है। इससे आम जनता के लिए अधिक खुराक उपलब्ध हो सकेगी।
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