वुल्फ ब्रिगेड 44 क्या है और यह इतना विवादों में क्यों है?

ब्रिगेड 44 ने नाजी नेता एडोल्फ हिटलर के प्रति खुलकर निष्ठा/स्वामिभक्ति जताई है। इसका उद्देश्य नस्लवाद और यहूदी विरोधीवाद का प्रचार करते हुए जर्मनी में शासन के लोकतांत्रिक स्वरूप को समाप्त करना है। इस समूह को जर्मन सरकार ने इसके प्रतीकों के साथ प्रतिबंधित कर दिया था। इसके प्रतीक में 44 संख्या के साथ चिह्नित दो हथगोलों के साथ खोपड़ी भी शामिल है। नंबर 44 का मतलब है डिवीजन डर्लेवेन्गेर, जिसका नाम ऑस्कर डर्लेवेन्गेर के नाम पर रखा गया है, जिसने 1940 के दशक में बेलारूस में नागरिकों के खिलाफ नरसंहार का आदेश दिया गया।

जर्मनी ने वुल्फ ब्रिगेड 44 पर प्रतिबंध क्यों लगाया?

जर्मन सरकार के अनुसार, वुल्फ ब्रिगेड 44 एक नाजी राज्य की स्थापना करना चाहती है। एक रेड के दौरान, जर्मन पुलिस को वुल्फ ब्रिगेड 44 संगठन के 11 सदस्यों से नाजी चिन्ह मिले। जर्मन सरकार पूरी तरह से उन संगठनों के खिलाफ है जो देश में नाजी राज्य की फिर से स्थापना का प्रचार करते हैं। वुल्फ ब्रिगेड 44 ने खुले तौर पर एडोल्फ हिटलर के प्रति निष्ठा ज़ाहिर की है और यहूदी-विरोधी और नस्लवाद का प्रचार किया है। इसने दावा किया कि यह देश में लोकतांत्रिक शासन को समाप्त करना चाहता है। इन कारणों से  जर्मनी में वुल्फ ब्रिगेड 44 पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

वुल्फ ब्रिगेड 44 ने अप्रत्यक्ष रूप से संकेत दिया कि यह नाजी पैरामिलिट्री एसएस का एक हिस्सा है जिसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान की गयी थी।  ।

ऑस्कर डर्लेवेन्गेर

वह नाज़ी एसएस दंड इकाई का संस्थापक और कमांडर था। उसने प्रथम विश्व युद्ध और स्पेनिश गृह युद्ध में हिस्सा लिया। 1944 में, डोर्लेवेंजर ने वोला नरसंहार में 40,000 नागरिकों के नरसंहार में भाग लिया।

एडॉल्फ हिटलर

वह नाजी पार्टी के एक जर्मन राजनेता था। 1913 में, हिटलर जर्मनी चला गया। 1919 में, वह जर्मन की वर्कर पार्टी में शामिल हुआ। वह 1933 में जर्मनी के चांसलर बना। उसका जन्म ऑस्ट्रिया में हुआ था। ‘Mein Kampf’ हिटलर द्वारा लिखी गई आत्मकथा थी। हिटलर ने 1939 में पोलैंड पर आक्रमण करके द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत की। उसे खुले तौर पर घोषणा की कि ब्रिटेन जर्मनी का दुश्मन है। 30 अप्रैल, 1945 को हिटलर ने आत्महत्या कर ली।

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