वैज्ञानिकों ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों के नए स्रोत का पता लगाया
वैज्ञानिकों ने पहली बार न्यूट्रॉन तारे (neutron star) और ब्लैक होल की टक्कर से उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण तरंगों (gravitational waves) का पता लगाया है।
मुख्य बिंदु
- अंतरिक्ष-समय (space-time) के ताने-बाने (fabric) में गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता चला है।
- इस खोज से पता चलता है कि न्यूट्रॉन स्टार-ब्लैक होल सिस्टम हैं। यह प्रणाली ब्रह्मांड से संबंधित कई सवालों के जवाब देने में मदद करेगी, जिसमें तारा बनने से लेकर ब्रह्मांड की विस्तार दर तक शामिल है।
गुरुत्वाकर्षण तरंगें कैसे उत्पन्न होती हैं?
जब आकाशीय पिंड टकराते हैं तो गुरुत्वाकर्षण तरंगें उत्पन्न होती हैं। टक्कर के बाद, आगामी ऊर्जा अंतरिक्ष-समय के ताने-बाने में तरंगें पैदा करती है जो पृथ्वी पर डिटेक्टरों द्वारा कैप्चर की जाती है।
लहरों का पता कैसे चला?
LIGO नामक गुरुत्वाकर्षण तरंग डिटेक्टरों के वैश्विक नेटवर्क की मदद से दो खगोलीय पिंडों से तरंगों को दर्ज किया गया था। अमेरिका में Advanced LIGO Detector और इटली में Advanced Virgo Detector ने 5 जनवरी, 2021 को एक न्यूट्रॉन स्टार और एक ब्लैक होल से संकेत दर्ज किया था।
अध्ययन का महत्व
गुरुत्वाकर्षण तरंगों (gravitational waves) का पता लगाना इस बात की पुष्टि करता है कि एक न्यूट्रॉन स्टार और एक ब्लैक होल से युक्त बाइनरी सिस्टम (binary systems) की आबादी अस्तिव में है। इस तरह के एस्ट्रोफिजिकल सिस्टम ब्रह्मांड से जुड़े कई बड़े सवालों के जवाब देने में मदद करेंगे। इससे वैज्ञानिकों को न्यूट्रॉन तारे किससे बने हैं, इसके बारे में अधिक तथ्य खोजने में भी मदद मिलेगी।
पृष्ठभूमि
2015 में पहली बार प्रत्यक्ष गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता चला था। तब से, खगोलविदों ने भविष्यवाणी की है कि ब्लैक होल और न्यूट्रॉन स्टार विलय की प्रणाली मौजूद हो सकती है। हालांकि, 2021 में अवलोकन संबंधी साक्ष्यों (observational evidences) का पता चला था।
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