वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सबसे नजदीक ब्लैक होल (Black Hole) की खोज की
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के निकटतम ब्लैक होल की खोज की है। इस खोज ने इन गूढ़ ब्रह्मांडीय वस्तुओं (cosmic objects) का अध्ययन करने और ब्रह्मांड को आकार देने में उनकी भूमिका को समझने के लिए संभावनाओं की एक नई दुनिया खोल दी है।
ब्लैक होल क्या है?
ब्लैक होल तब बनते हैं जब बड़े पैमाने पर तारे अपने स्वयं के गुरुत्वाकर्षण बल के तहत ढह जाते हैं, जिससे अविश्वसनीय रूप से घनी वस्तुएँ बनती हैं। वे इतने घने होते हैं कि उनका गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि वह किसी भी चीज को फँसा सकता है, जिसमें प्रकाश भी शामिल है।
BH1 और Gaia BH2 की खोज
BH1 अब तक का खोजा गया सबसे निकटतम ब्लैक होल है। यह पृथ्वी से सिर्फ 1,560 प्रकाश वर्ष दूर ओफिचुस (Ophiuchus) नक्षत्र की दिशा में स्थित है। इसकी खोज खगोलविदों की एक टीम ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) गैया उपग्रह का उपयोग करके की थी, जिसे मिल्की वे आकाशगंगा में सितारों की स्थिति और गति को सटीक रूप से मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है। BH1 के अलावा, गैया उपग्रह ने पृथ्वी के दूसरे निकटतम ब्लैक होल, Gaia BH2 को भी खोजा, जो कि तारामंडल सेंटारस (Centaurus) में 3800 प्रकाश वर्ष दूर है।
महत्व
BH1 और Gaia BH2 की खोज महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वैज्ञानिकों को ब्लैक होल को करीब से और विस्तार से देखने में सक्षम बनाती है। आस-पास के तारों और गैस पर उनके गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव को देखकर, खगोलविद ब्लैक होल के गुणों और व्यवहार के बारे में अधिक जान सकते हैं।
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