वैज्ञानिकों ने शनि ग्रह की आंतरिक संरचना का मॉडल तैयार किया
जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय (John Hopkins University) के वैज्ञानिकों ने शनि ग्रह के आंतरिक भाग को सिमुलेट किया है। इस सिमुलेशन के मुताबिक हीलियम की एक मोटी परत ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करती है।
पृष्ठभूमि
शनि ग्रह के घूर्णी अक्ष (rotational axis) के चारों ओर इसका चुंबकीय क्षेत्र लगभग पूरी तरह सममित (symmetrical) है। नासा के कैसिनी मिशन (Cassini Mission) ने वैज्ञानिकों को उस ग्रह के गहरे आंतरिक भाग को समझने में मदद की जहां चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।
सिमुलेशन के बारे में
वैज्ञानिकों ने नासा के कैसिनी मिशन के आंकड़ों के आधार पर चुंबकीय क्षेत्र के दो शक्तिशाली कंप्यूटर सिमुलेशन बनाए हैं। इस सिमुलेशन से वैज्ञानिकों को उस दर को मापने में मदद मिलेगी जिस पर शनि ग्रह घूमता है। यह उन कई समस्याओं में से एक है जो दशकों से वैज्ञानिकों के लिए परेशानी उत्पन्न कर रही है।
शनि ग्रह का आंतरिक भाग
शनि ग्रह का केंद्र लोहे और निकल जैसी धातुओं का घना कोर है। यह घना कोर चट्टानी सामग्री से घिरा हुआ है। इसके अलावा यह तरल हाइड्रोजन की एक परत के अंदर तरल धातु हाइड्रोजन द्वारा कवर किया गया है। इसका कोर लगभग बृहस्पति के कोर के समान है लेकिन काफी छोटा है।
कैसिनी (Cassini)
कैसिनी यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, नासा और इतालवी अंतरिक्ष एजेंसी का एक संयुक्त अंतरिक्ष मिशन है। इसे कैसिनी-ह्यूजेंस मिशन (Cassini-Huygens Mission) कहा जाता था। कैसिनी अंतरिक्ष प्रोब ने शनि ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के ह्यूजेंस टाइटन (शनि का सबसे बड़ा चंद्रमा) पर उतरा। कैसिनी शनि की कक्षा में प्रवेश करने वाली पहली अंतरिक्ष प्रोब थी और यह शनि की यात्रा के लिए जाने वाली चौथी स्पेस प्रोब थी।
Categories: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स
Tags:Cassini , Cassini Mission , Cassini-Huygens Mission , John Hopkins University , कैसिनी , जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय , नासा , यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी