वैभव फैलोशिप योजना (VAIBHAV Fellowship Scheme) लांच की गयी
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के सम्मान में, जिसे 28 फरवरी को मनाया जाता है, भारत सरकार ने वैभव फैलोशिप योजना शुरू की। नई पहल का उद्देश्य दुनिया भर के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले संस्थानों के साथ अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देकर भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों की अनुसंधान क्षमता को बढ़ाना है।
अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देना
वैभव फैलोशिप योजना भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों और विदेशों में अग्रणी संस्थानों के बीच अकादमिक और अनुसंधान सहयोग की सुविधा प्रदान करेगी। इससे भारत की अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में नवीन और प्रभावशाली अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
यह योजना विदेशी संस्थानों के संकायों या शोधकर्ताओं की भारत में गतिशीलता को बढ़ावा देगी, जिससे उन्हें भारतीय शोधकर्ताओं के साथ अपने ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने की अनुमति मिलेगी। यह एक्सचेंज ज्ञान, कौशल और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे भारत में एक मजबूत और अधिक जीवंत अनुसंधान समुदाय बनाने में मदद मिलेगी।
वैभव फैलोशिप के लिए पात्रता मानदंड
वैभव फैलोशिप योजना के लिए पात्र होने के लिए, आवेदकों को अनिवासी भारतीय (NRI), भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO), या भारत के विदेशी नागरिक (OCI) होना चाहिए। उन्हें किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पीएचडी/एमडी/एमएस की डिग्री प्राप्त करनी चाहिए और वर्तमान में एक अच्छे R&D ट्रैक रिकॉर्ड वाले एक विदेशी शैक्षणिक, अनुसंधान या औद्योगिक संगठन में लगे हुए हैं।
वैभव फैलोशिप योजना के लाभ
वैभव फैलोशिप योजना भारतीय और विदेशी शोधकर्ताओं दोनों के लिए कई लाभ प्रदान करेगी। भारतीय शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक अनुसंधान तकनीकों और प्रौद्योगिकियों तक पहुंच के साथ-साथ विभिन्न अनुसंधान संस्कृतियों और कार्यप्रणालियों के संपर्क में आने से लाभ होगा। बदले में, विदेशी शोधकर्ताओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने और इसकी विविध आबादी से सीखने का अवसर मिलेगा।
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