वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Global Multidimensional Poverty Index) 2021
वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2021 “संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)” और “ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (OPHI)” द्वारा जारी किया गया है।
मुख्य बिंदु
- यह रिपोर्ट 109 देशों में 5.9 बिलियन लोगों को कवर करते हुए बहुआयामी गरीबी के स्तर और संरचना की जांच करती है।
- यह कई अभावों को भी ध्यान में रखती है जो लोग अपने दैनिक जीवन में खराब स्वास्थ्य, अपर्याप्त शिक्षा और खराब जीवन स्तर का अनुभव करते हैं।
विश्व परिदृश्य
- इस रिपोर्ट के अनुसार, 1.3 बिलियन लोग बहुआयामी गरीब हैं, जिनमें से लगभग 644 मिलियन 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं।
- उनमें से 85% उप-सहारा अफ्रीका (556 मिलियन) और दक्षिण एशिया (532 मिलियन) में रहते हैं।
- 67% गरीब मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं।
- 1 अरब गरीब खाना पकाने के ईंधन, अपर्याप्त स्वच्छता और घटिया आवास के साथ गुज़र बसर कर रहे हैं।
भारतीय परिदृश्य
- भारत में अनुसूचित जनजाति समूह, जिसकी आबादी 9.4% है, सबसे गरीब है। 129 मिलियन लोगों में से 65 मिलियन लोग बहुआयामी गरीबी में जी रहे हैं।
- 283 मिलियन अनुसूचित जाति समूह के लोगों में से 94 मिलियन बहुआयामी गरीबी में जी रहे हैं।
Multidimensional Poverty Index (MPI
बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) UNDP और OPHI द्वारा वर्ष 2010 में लॉन्च किया गया था। MPI तीन आयामों और 10 संकेतकों का उपयोग करता है जिनमें शामिल हैं:
- शिक्षा : स्कूली शिक्षा और बच्चों के नामांकन के वर्ष (प्रत्येक का 1/6 वेटेज)
- स्वास्थ्य : बाल मृत्यु दर और पोषण (प्रत्येक का 1/6 भार)
- जीवन स्तर : बिजली, पीने का पानी, फर्श, स्वच्छता, खाना पकाने का ईंधन और संपत्ति (प्रत्येक 1/18 भार)।
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