व्यक्तियों की तस्करी रिपोर्ट (2021 Trafficking in Persons Report) जारी की गयी
व्यक्तियों की तस्करी रिपोर्ट 2021 (Trafficking in Persons Report 2021) हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी की गई। इस रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी ने मानव तस्करी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ा दी है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत तस्करी को खत्म करने के न्यूनतम मानकों को पूरा नहीं करता है।हालांकि, सरकार ने महत्वपूर्ण प्रयास किए, हालांकि ये विशेष रूप से बंधुआ मजदूरी के संबंध में अपर्याप्त थे।
- चीनी सरकार जबरन श्रम में लगी हुई थी, जिसमें उइगरों, कज़ाकों, किर्गिज़ और अन्य मुसलमानों के बड़े पैमाने पर मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया था।
- देशों का वर्गीकरण देश की तस्करी की समस्या के परिमाण के आधार पर नहीं बल्कि मानव तस्करी के उन्मूलन के न्यूनतम मानकों को पूरा करने के प्रयासों के आधार पर किया गया था।
त्रिस्तरीय प्रणाली
देशों को त्रि-स्तरीय प्रणाली के आधार पर नामित किया गया था:
- टियर 1 देश – वे देश जहां सरकारें तस्करी पीड़ित संरक्षण अधिनियम (Trafficking Victims Protection Act – TVPA) के न्यूनतम मानकों का पूरी तरह से पालन करती हैं। TVPA मानव तस्करी पर अमेरिका का कानून है। अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन और दक्षिण कोरिया टियर 1 देश हैं।
- टियर 2 देश – वे देश जिनकी सरकारें TVPA के न्यूनतम मानकों का पूरी तरह पालन नहीं करती हैं। हालांकि, वे उन मानकों का पालन करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। भारत इस श्रेणी में है।
- टियर 3 देश – वे देश जहां सरकारें TVPA के न्यूनतम मानकों का पालन नहीं करती हैं और इसके लिए महत्वपूर्ण प्रयास नहीं कर रही हैं। अफगानिस्तान, चीन, बर्मा, उत्तर कोरिया, क्यूबा, इरिट्रिया, दक्षिण सूडान, ईरान, रूस, सीरिया और तुर्कमेनिस्तान इस श्रेणी में आते हैं।
- विशेष मामला – यमन जैसे कुछ “विशेष मामले” हैं जहां नागरिक संघर्ष और मानवीय संकट से जानकारी हासिल करना मुश्किल हो जाता है।
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