शांतला देवी, होयसल रानी
शांतला देवी 12 वीं शताब्दी ईस्वी में प्राचीन कर्नाटक के प्रसिद्ध होयसल वंश के राजा विष्णुवर्धन की पत्नी थीं। रानी शांतल देवी ललित कलाओं में पारंगत थीं। उन्होंने नृत्य, गायन और वाद्य संगीत में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। विशेष रूप से वह भरतनाट्यम नामक एक नृत्य रूप में अच्छी तरह से प्रशिक्षित थीं। वह जैन धर्म की अनुयायी थीं। कहा जाता है कि विष्णुवर्धन भी मूल रूप से एक जैन थे। उन्होंने महान वैष्णव शिक्षक रामानुजाचार्य के प्रभाव में श्री वैष्णव धर्म में परिवर्तन किया, लेकिन विष्णुवर्धन जैन धर्म का संरक्षण करते रहे।
शांतला देवी का योगदान
रानी शांतला देवी ने चेन्नाकेश्वरा मंदिर की तर्ज पर स्थित चन्निगराया मंदिर नामक मंदिर की स्थापना की। उन्होने श्रवणबेलगोला में चंद्रगिरि में सविता गंदवारा मंदिर भी स्थापित किया था। शांतला देवी ने उत्तर और दक्षिण भारत दोनों में सांस्कृतिक और धार्मिक क्षेत्रों में एक महान भूमिका निभाई थी। उन्हें 1117 में पट्टमहादेवी की उपाधि मिली। उन्होने कई सुंदर मंदिरों का निर्माण किया था।