सड़क पर रहने वाले बच्चों के लिए दिल्ली सरकार ने नीति बनाई
दिल्ली सरकार ने कोविड-19 महामारी की स्थिति के चलते सड़क पर रहने वाले बच्चों (street children) के कल्याण के लिए एक नीति तैयार की है।
मुख्य बिंदु
- नीति कोविड-उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने और संक्रमण के बारे में जागरूकता पैदा करने में विभिन्न हितधारकों की भूमिका को रेखांकित करती है।
- इसे दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने तैयार किया है।
नीति के प्रावधान
- यह नीति नागरिक समाज संगठनों की प्रत्यक्ष भागीदारी को प्रोत्साहित करती है।
- यह हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान करने और उन बच्चों के बीच मास्क वितरित करने में उनकी भूमिका पर भी प्रकाश डालती है।
- इस नीति के अनुसार, जिला प्रशासन 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद, सड़कों से रेस्क्यू किये गए बच्चों को नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवी (Civil Defense Volunteer) के रूप में प्रशिक्षण देने पर विचार कर सकता है। इससे उन्हें सम्मानजनक रोजगार मिलेगा।
- इसमें बच्चों को बचाने के लिए जिला टास्क फोर्स के ऊपर जिला बाल संरक्षण अभिसरण समिति (District Child Protection Convergence Committee – DCPCC) के गठन का प्रस्ताव है।
- जिला मजिस्ट्रेट DCPCC के अध्यक्ष के रूप में अन्य सदस्यों जैसे गैर सरकारी संगठनों के दो सदस्यों और दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रतिनिधियों के साथ कार्य करेंगे।
जिला कार्य बल (District Task Force)
दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने COVID-19 पॉजिटिव बच्चों की सहायता के लिए एक ‘डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स’ का गठन किया था, जो चाइल्ड केयर संस्थानों में हैं या जिन्होंने कोविड -19 वायरस के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है।
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