सरकार अगले 6 महीनों में ई-पासपोर्ट (e-Passport) लॉन्च करेगी
हाल ही में, विदेश सचिव डॉ. औसाफ सईद ने बताया कि नए युग के ई-चिप पासपोर्ट को वर्ष 2022 के अंत तक या जनवरी 2023 के पहले सप्ताह तक लॉन्च किए जाने की संभावना है। इस पासपोर्ट में आवेदक का विवरण डिजिटल रूप से रखा जाएगा। चिप जिसे पासपोर्ट बुकलेट में एम्बेड किया जाएगा। यह भारतीय पासपोर्ट की सुरक्षा को अपग्रेड करेगा और मशीन रीडिंग को सक्षम करेगा।
ई-पासपोर्ट क्या है?
ई-पासपोर्ट में सुरक्षित बायोमेट्रिक डेटा के साथ एक माइक्रोचिप शामिल होती है। ई-पासपोर्ट की चिप में आमतौर पर धारक की बायोमेट्रिक जानकारी होती है। बॉयोमीट्रिक जानकारी दस्तावेज़ के डेटा पृष्ठ और एक बायोमेट्रिक पहचानकर्ता पर मुद्रित होती है। चिप पर संग्रहीत डेटा के अनधिकृत पढ़ने को रोकने के लिए ऐसे पासपोर्ट डिजिटल रूप से सुरक्षित होते हैं।
ई-पासपोर्ट के लिए तकनीक कौन लाएगा?
भारत का सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर निर्यातक TCS द्वारा ई-पासपोर्ट के लिए प्रौद्योगिकी लाने की संभावना है। हालांकि, पासपोर्ट देने और प्रिंट करने का अधिकार सरकार के पास रहेगा। डेटाबेस, डेटा सेंटर और एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर जैसी रणनीतिक संपत्तियों सहित सभी सुरक्षा पहलुओं पर भी सरकार का स्वामित्व होगा। ई-पासपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के दिशानिर्देशों का भी पालन करेंगे।
सुरक्षा सुविधाओं को कौन डिजाइन कर रहा है?
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र और नासिक में भारतीय सुरक्षा प्रेस ई-पासपोर्ट के लिए सुरक्षा सुविधाओं को डिजाइन करने में शामिल हैं।
पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (Passport Seva Programme)
- PSP-V 2.0 माइक्रोचिप-एम्बेडेड ई-पासपोर्ट को रोल आउट करने का प्रावधान करता है।
- इस चरण के दौरान, ई-पासपोर्ट का अनावरण किया जाएगा।
PSP-V 2.0 का महत्व
PSP-V 2.0 एक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करेगा, नागरिक इंटरफेस में सुधार करेगा, विभिन्न हितधारकों और डेटाबेस के बीच प्रक्रिया में बदलाव और एकीकरण, उन्नत तकनीक के साथ-साथ एक मजबूत डेटा सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।
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