सरकार ने दालों के आयात पर मानदंडों में संशोधन किया
भारत सरकार ने हाल ही में अरहर, मूंग और उड़द की दाल के मुक्त आयात की अनुमति दी है। तीनों दालों को अप्रतिबंधित सूची में डाल दिया गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि व्यापारियों के पास स्टॉक कम होने के कारण पिछले कुछ हफ्तों में उनकी खुदरा कीमतों में वृद्धि हुई है। साथ ही, भारत सरकार ने घोषणा की है कि आयात की खेप (consignments) को 30 नवंबर, 2021 से पहले मंजूरी दी जानी चाहिए।
मानदंडों के लिए समय सीमा क्यों?
नवंबर 2021 तक इन तीनों दालों की खरीफ फसल बाजार में आनी शुरू हो जाएगी। यदि उस दौरान आयात मुक्त कर दिया जाता है, तो इससे किसानों की आय प्रभावित होगी। मुक्त आयात बंद होने पर ही किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक उचित दर मिलेगी।
साथ ही, इस खरीफ सीजन में, भारत सरकार ने दालों की खेती के क्षेत्र में वृद्धि की है। यह विशेष खरीफ रणनीति, 2021 के तहत किया जाना है। इसका मतलब है कि नवंबर से दिसंबर 2021 तक अधिक दालें बाजारों में आ जाएंगी। खरीफ सीजन की फसलें मुख्य रूप से दक्षिण पश्चिम मानसून पर निर्भर करती हैं। इन्हें जून में बोया जाता है और अक्टूबर में काटा जाता है।
वर्तमान परिदृश्य
- खुदरा बाजार में तुअर की कीमत 7,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है। यह उसके 2021 के MSP से 1000 रुपये ज्यादा है, जो कि 6000 रुपये प्रति क्विंटल थी।
- इसी तरह उड़द की दाल का भाव 8,000 रुपये प्रति क्विंटल है। इसकी 2020-21 एमएसपी 6,000 रुपये प्रति क्विंटल थी।
- मूंग दाल की कीमत इसके 2020-21 एमएसपी के लगभग बराबर है और यह 7,196 रुपये प्रति क्विंटल है।
दालों का आयात
भारत मुख्य रूप से इन तीनों दालों का आयात म्यांमार और अफ्रीकी देशों से करता है।
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