सरकार ने पेंशनभोगियों के लिए ‘अद्वितीय’ चेहरा पहचान तकनीक शुरू की
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने 29 नवंबर, 2021 को एक “अद्वितीय” चेहरा पहचान तकनीक (unique face recognition technology) लॉन्च की।
मुख्य बिंदु
- फेस रिकग्निशन तकनीक पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण पत्र के प्रमाण के रूप में कार्य करेगी।
- यह सेवानिवृत्त और बुजुर्ग नागरिकों के लिए जीवन की सुगमता सुनिश्चित करेगी।
- पेंशन प्राप्त करने के लिए सभी पेंशनभोगियों को सालाना अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करना आवश्यक है।
- कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने डिजिटल रूप से प्रमाण पत्र देने की सुविधा भी लागू की है।
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार पेंशनभोगियों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील रही है। 2014 में, जब सरकार सत्ता में आई, तो उसने पेंशनभोगियों के लिए आसानी से पेंशन प्राप्त करने के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र पेश करने और लागू करने का निर्णय लिया।
अद्वितीय चेहरा पहचान प्रौद्योगिकी का महत्व
‘जीवन प्रमाण पत्र’ प्रदान करने के लिए हाल ही में शुरू की गई अनूठी चेहरा पहचान तकनीक एक ऐतिहासिक और दूरगामी सुधार है क्योंकि यह 68 लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के साथ-साथ EPFO और राज्य सरकारों के तहत आने वाले लोगों के जीवन को प्रभावित करेगा।
इस तकनीक को किसने विकसित किया है?
यह चेहरा पहचान तकनीक UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के सहयोग से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा तैयार की गई है। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रदान करने की पहल शुरू की गई थी।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI)
UIDAI एक वैधानिक प्राधिकरण है, जिसे आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत स्थापित किया गया था। इसकी स्थापना 12 जुलाई, 2016 को हुई थी। यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करता है। यह भारत के सभी निवासियों के लिए विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी), जिसे आधार कहा जाता है, के लिए बनाया गया था।
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