सरकार वैक्सीन उत्पादन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का समर्थन करेगी

केंद्र सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिशन COVID सुरक्षा (Mission COVID Suraksha) के तहत अनुदान के साथ कुछ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का समर्थन करने का निर्णय लिया है।

मुख्य बिंदु

हैदराबाद बेस्ड इंडियन इम्यूनोलॉजिकल लिमिटेड (Indian Immunological Limited – IIL) “राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड” नामक पीएसयू के तहत कार्यरत्त है। IIL और भारत बायोटेक ने आईआईएल द्वारा भारत बायोटेक को दवा पदार्थ की आपूर्ति करने के लिए एक तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो कोवैक्सिन वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए आवश्यक है।

मिशन COVID सुरक्षा (Mission COVID Suraksha)

मिशन COVID सुरक्षा को आत्मनिर्भर भारत 3.0 (Atmanirbhar Bharat 3.0) के तहत लॉन्च किया गया था और यह भारत में स्वदेशी, सस्ती और सुलभ टीकों के विकास को सक्षम बनाता है। यह मिशन उत्पाद के विकास में तेजी लाने के लिए सभी उपलब्ध और वित्त पोषित संसाधनों को समेकित करने के लिए नैदानिक ​​परीक्षणों और विनिर्माण और नियामक सुविधा के माध्यम से प्रीक्लिनिकल विकास पर केंद्रित है।

इसे कैसे वित्त पोषित किया गया था?

COVID सुरक्षा मिशन के पहले चरण में 12 महीने के लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। भारतीय कोविड-19 टीकों पर अनुसंधान और विकास करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Biotechnology) द्वारा अनुदान प्रदान किया गया था।

इस मिशन का नेतृत्व किसने किया?

COVID मिशन का नेतृत्व DBT द्वारा किया जाता है, जबकि जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (Biotechnology Industry Research Assistance Council – BIRAC) में एक “मिशन कार्यान्वयन इकाई” ने इसे लागू किया।

मिशन के उद्देश्य

  1. पूर्व-नैदानिक ​​​​और नैदानिक ​​विकास में तेजी लाना।
  2. कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवारों को लाइसेंस प्रदान करना जो नैदानिक ​​​​चरणों में थे।
  3. नैदानिक ​​परीक्षण स्थलों की स्थापना करना।
  4. मौजूदा केंद्रीय प्रयोगशालाओं को मजबूत करना।
  5. सामान्य सामंजस्यपूर्ण प्रोटोकॉल, प्रशिक्षण और डेटा प्रबंधन प्रणाली आदि के विकास का समर्थन करना।

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