सागर समृद्धि (Sagar Samriddhi) क्या है?
बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने ‘सागर समृद्धि’ ऑनलाइन ड्रेजिंग मॉनिटरिंग सिस्टम लॉन्च किया है, जो भारत के समुद्री क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विकास है। नेशनल टेक्नोलॉजी सेंटर फॉर पोर्ट्स, वाटरवेज़ एंड कोस्ट्स (NTCPWC) द्वारा विकसित इस अत्याधुनिक प्रणाली का उद्देश्य देश के बंदरगाहों में ड्रेजिंग संचालन की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाना है। यह प्रणाली पिछले ड्राफ्ट और लोडिंग मॉनिटर प्रणाली पर काफी सुधार करती है, जो ड्रेजिंग संचालन के लिए उन्नत क्षमताओं और कार्यात्मकताओं की पेशकश करती है।
व्यापक डाटा प्रोसेसिंग
‘सागर समृद्धि’ निगरानी प्रणाली विभिन्न रिपोर्टों को संसाधित करती है, जिसमें दैनिक ड्रेजिंग रिपोर्ट और पूर्व और बाद के सर्वेक्षण डेटा शामिल हैं। कई इनपुट रिपोर्ट को एकीकृत करके, यह वास्तविक समय की ड्रेजिंग रिपोर्ट तैयार करता है, जिससे निगरानी प्रक्रिया में अधिक तालमेल और दक्षता आती है।
राष्ट्रीय दृष्टिकोण का समर्थन करना
‘सागर समृद्धि’ प्रणाली आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के उद्देश्यों के अनुरूप है, जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वकालत की है। उन्नत प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, यह प्रणाली आत्मनिर्भरता पर सरकार के फोकस को मजबूत करती है और समुद्री क्षेत्र में स्वदेशी तकनीकी समाधानों के उपयोग को बढ़ावा देती है।
ड्रेजिंग दिशानिर्देश और वेस्ट टू वेल्थ
बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने ड्रेजिंग प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और बेहतर बनाने के लिए ‘प्रमुख बंदरगाहों के लिए ड्रेजिंग दिशानिर्देश’ जारी किए। 2021 में, ‘वेस्ट टू वेल्थ’ की अवधारणा पर जोर देते हुए, दिशानिर्देशों में एक परिशिष्ट पेश किया गया था। यह प्रावधान ड्रेजिंग सामग्री के प्रभावी निपटान और उपयोग की अनुमति देता है, ड्रेजिंग लागत को कम करता है और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देता है।
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