सुमना, नीती घाटी में ग्लेशियर फटने (Glacier Burst) की घटना दर्ज की गयी

23 अप्रैल, 2021 को भारत-चीन सीमा में चमोली जिले में स्थित सुमना, नीती घाटी में एक ग्लेशियर फट गया था। सीमा सड़क संगठन शिविर हिमस्खलन की चपेट में आ गया है। भारतीय सेना ने अब तक 291 व्यक्तियों को बचाया है।

फरवरी 2021 में, चमोली जिले में ग्लेशियल के फटने से बाढ़ आ गई थी और उसमे दर्जनों लोग मारे गए थे। इससे पहले नंदा देवी ग्लेशियर के टूटने से गंगा की सहायक नदियों में हिमस्खलन, भूस्खलन और फ्लैश फ्लड शुरू हो गई थी।

ग्लेशियर फटने का क्या कारण है?

ग्लेशियर फटने की घटना पानी के दबाव के कारण होती है। कम बर्फबारी और उच्च तापमान के कारण बर्फ पिघलने में तेजी आती है और ग्लेशियल बांधों में पानी खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है। इससे पानी का दबाव बढ़ जाता है और ग्लेशियर फटने लगते हैं। हिमनद बांध (Glacial dams) तब बनते हैं जब ग्लेशियर झील से पानी के बहाव को रोकते हैं। सामान्य झीलों के विपरीत, ग्लेशियल झीलें बर्फ के विशाल टुकड़ों से बनी होती हैं, जो ग्लेशियर के किनारों को तोड़ने की क्षमता रखती हैं।

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