सेंटिनल द्वीप का शोषण अंडमान में आदिवासियों का सफाया कर देगा: AnSI

एंथ्रोपोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने हाल ही में कहा है कि वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए अंडमान के नार्थ सेंटिनल द्वीप के शोषण से इस द्वीप पर रहने वाले आदिवासी समूह का सफाया हो सकता है।

नार्थ सेंटिनल द्वीप

नार्थ सेंटिनल द्वीप बंगाल की खाड़ी में अंदमान व निकोबार द्वीपसमूह में स्थित है। इसमें कुल 5 द्वीप शामिल हैं। इनका  कुल क्षेत्रफल 59.69 वर्ग किलोमीटर है। वर्ष 2018 के अनुमानों के अनुसार नार्थ सेंटिनल द्वीप की जनसँख्या 40 से 400 के बीच में है।

सेंटिनल जनजाति की सुरक्षा के लिए कानून

  • अंडमान व निकोबार द्वीप (PAT) रेगुलेशन, 1956
  • अनुसूचित जाति व जनजाति (निषिद्ध क्षेत्र) आदेश, 1963
  • वीज़ा पत्रिका शर्तें/पासपोर्ट अधिनियम, 1920
  • भारतीय वन अधिनियम, 1927
  • वन्यजीव (सुरक्षा) अधिनियम, 1972

नार्थ सेंटिनल द्वीप पर प्रवेश करना कानून के मुताबिक निषिद्ध है। अंदमान व निकोबार द्वीप (मूल जनजातियों की सुरक्षा), रेगुलेशन 1956 के द्वारा नार्थ सेंटिनल द्वीप में प्रवेश करने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। इस द्वीप का चित्र अथवा विडियो लेना भी कानूनी अपराध है।

पूरे नार्थ सेंटिनल द्वीप को पांच किलोमीटर की तटीय सीमा के साथ जनजातीय रिज़र्व घोषित किया गया है। रिज़र्व घोषित किये जाने के कारण इस क्षेत्र की मछली, कछुए तथा अन्य समुद्री संसाधन सेंटिनल जनजाति के लिए सुरक्षित किये जा सकेंगे।

नार्थ सेंटिनल द्वीप पर निगरानी रखने के लिए तटरक्षक बल के वायुयान तथा समुद्री जहाज़ गश्त लगाते हैं।

 

Categories:

Tags: , , , , , , , ,

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *