स्काईहॉक : भारत का पहला 5G सक्षम ड्रोन
ओडिशा के संबलपुर में वीर सुरेंद्र साई प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (VSSUT) परिसर से शुरू हुई स्टार्टअप फर्म आईजी ड्रोन्स (IG Drones) ने एक 5G-सक्षम ड्रोन विकसित किया है जो vertical take-off और landing में सक्षम है। स्काईहॉक (Skyhawk) नाम के ड्रोन का इस्तेमाल अन्य क्षेत्रों के अलावा रक्षा और चिकित्सा अनुप्रयोगों में किया जा सकता है।
प्रमुख विशेषताऐं
- स्काईहॉक ड्रोन 10 किलो का पेलोड ले जा सकता है और लगभग पांच घंटे तक काम कर सकता है।
- जैसा कि यह एक VTOL (Vertical Take-off and Landing) है, इसे पारंपरिक रनवे की आवश्यकता के बिना किसी भी इलाके से संचालित किया जा सकता है।
- कंपनी के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और थर्मल इमेजिंग क्षमताओं के अतिरिक्त, ड्रोन का उपयोग सीमा घुसपैठ की निगरानी और रक्षा बलों द्वारा नियमित गश्त के दौरान भी किया जा सकता है।
- यह IP67 रेटेड है और इसे NavIC + GPS नौवहन उपग्रहों के संयोजन के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है जो सुरक्षित सक्रियण के मामले में 50 से 60 की ऊपरी सीमा में जुड़े रहते हैं।
संभावित अनुप्रयोग
स्काईहॉक को रक्षा और चिकित्सा क्षेत्रों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। यह सीमा निगरानी और रक्षा कार्यों के लिए भी आदर्श है। इंटरनेट लिंक उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में ड्रोन उपग्रहों के माध्यम से भी संचालित करने में सक्षम है, जो इसे दूरस्थ क्षेत्रों में उपयोगी बनाता है। इसके अतिरिक्त, ड्रोन की गति और सीमा इसे चिकित्सा सेवाओं के वितरण के लिए उपयुक्त बनाती है।
ड्रोन में 5G का अनुप्रयोग
ड्रोन में 5G तकनीक के इस्तेमाल से ड्रोन को नियंत्रित करने में काफी सटीकता मिलती है। इन ड्रोन्स को फील्ड में रहने के बजाय सीधे कमांड सेंटर से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, 5G नेटवर्क ड्रोन और नियंत्रण केंद्र के बीच तेजी से संचार की अनुमति देता है, जो सीमा निगरानी और चिकित्सा सेवाओं के वितरण जैसे समय-संवेदी संचालन में महत्वपूर्ण हो सकता है।
Categories: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स