स्वच्छोत्सव (Swachhotsav) क्या है?

स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत 3 सप्ताह का महिला-नेतृत्व वाला स्वच्छता अभियान, स्वच्छोत्सव, केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा स्वच्छता में महिलाओं के नेतृत्व वाली पहलों को सम्मानित करने के लिए शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य उन सभी पृष्ठभूमियों की महिलाओं को सम्मानित करना है जो कचरा मुक्त शहरों को एक वास्तविकता बनाने में योगदान करती हैं।

स्वच्छोत्सव के दौरान घोषित ‘विन्स चैलेंज’ क्या है?

लॉन्च इवेंट के दौरान WINS Challenge-2023 की भी घोषणा की गई, जिसमें उच्च प्रभाव वाली महिला उद्यमियों या शहरी स्वच्छता की दिशा में काम करने वाली महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को मान्यता दी गई। स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में भारत भर में 75,000 Garbage Free City Influencers का एक नेटवर्क बनाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे महिलाओं को शहरी स्वच्छता के मिशन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

स्वच्छोत्सव की आवश्यकता

स्वच्छता के क्षेत्र से जुड़े लोगों खासकर महिलाओं को प्रेरित करना जरूरी है। दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के नाते, भारत 62 मिलियन टन नगरपालिका ठोस अपशिष्ट उत्पन्न करता है। 2030 तक शहरी ठोस नगरपालिका अपशिष्ट बढ़कर 165 मिलियन टन हो जाएगा। इसका मतलब है कि हमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में अधिक कार्यबल की आवश्यकता होगी। यहां महिलाओं के नेतृत्व में, भारत कचरे के मुद्दों को आसानी से हल करेगा। अधिक से अधिक महिलाओं को इस कार्य के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे महिला सशक्तिकरण में भी मदद मिलेगी।

स्वच्छोत्सव के लाभ

स्वच्छोत्सव का उद्देश्य कचरा संग्रहण और अपशिष्ट प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है। आज 49% कूड़ा बीनने वाली महिलाएं हैं। हालांकि, वे क्षेत्र में पुरुषों की तुलना में 33% कम पैसे कमाती हैं। स्वच्छोत्सव का उद्देश्य कचरा प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है। साथ ही कचरा प्रबंधन में और अधिक महिलाओं को लाकर देश में रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जाएगा। आज अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र पुनर्चक्रण कर रहा है और कई नवीन उत्पादों का उत्पादन कर रहा है। भारत सरकार से बढ़ते समर्थन के कारण कई स्टार्टअप अपशिष्ट प्रबंधन कंपनियों की स्थापना में रुचि दिखा रहे हैं। इस प्रकार, इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने से उन्हें सशक्त बनाने में मदद मिलेगी और देश में जमा हो रहे विशाल कचरे के प्रबंधन में भी मदद मिलेगी।

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