स्वदेशी बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन को सेना में शामिल किया गया
21 दिसंबर, 2021 को स्वदेशी बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहनों (Indigenous Armoured Engineer Reconnaissance Vehicles) के पहले बैच को भारतीय सेना में शामिल किया गया।
मुख्य बिंदु
- इन अगली पीढ़ी के वाहनों को पुणे में एक कार्यक्रम में सेना में कोर ऑफ इंजीनियर्स में शामिल किया गया था।
- रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन को डिजाइन किया गया है।
- इसका निर्माण आयुध निर्माणी मेडक (Ordnance Factory Medak) द्वारा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, पुणे के सहयोग से किया गया है।
- भारतीय सेना ने AERV की 53 यूनिट का ऑर्डर दिया है।
- इन वाहनों को मुख्य रूप से पश्चिमी मोर्चे पर व्यक्तिगत इंजीनियरिंग संरचनाओं के साथ तैनात किया जाएगा।
वाहन का महत्व
यह वाहन पानी की बाधाओं और दलदली पैच की टोह लेने में सक्षम है और कमांडरों को मजबूर करने के लिए वास्तविक समय में अपडेट प्रदान किया जा सके। यह भारतीय सेना की मौजूदा इंजीनियर टोही क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा। भविष्य के किसी भी संघर्ष में मशीनीकृत संचालन के समर्थन में यह वाहन एक प्रमुख गेम-चेंजर होंगे।
बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन (Armoured Engineer Reconnaissance Vehicles – AERV)
AERV को BMP-II नामक उभयचर इन्फेंट्री वाहन (amphibious infantry fighting vehicle) को संशोधित करके विकसित किया गया है। इस वाहन को सैन्य इंजीनियरों की सामरिक और लड़ाकू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका उपयोग मुख्य रूप से आक्रामक और रक्षात्मक कार्यों के लिए रेगिस्तानी, समतल और नदी क्षेत्रों में असॉल्ट ब्रिज के निर्माण के लिए किया जाएगा।
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