स्वास्थ्य बीमा और मोटर बीमा फाइलिंग प्रक्रिया मानकीकृत की गयी
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने हाल ही में स्वास्थ्य और मोटर बीमा पॉलिसी फाइल करने के लिए तकनीकी नोट्स का मानकीकरण किया है। IRDAI हाल ही में देश में स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के मानकीकरण के लिए कई पहलें कर रहा है। यह मुख्य रूप से नवीनीकरण के समय या बीमा पॉलिसी खरीदने के दौरान ग्राहकों द्वारा सामना की जाने वाली जटिलताओं को कम करने के लिए किया जा रहा है।
नए नियम क्या हैं?
IRDAI ने स्वास्थ्य और मोटर बीमा कराने के लिए तकनीकी नोट्स का मानकीकरण किया है। बीमाकर्ताओं को अब अपने या अपने बीमा उत्पाद की कीमत का विवरण देते हुए एक तकनीकी नोट प्रस्तुत करना होगा (बीमाकर्ता वह व्यक्ति/कंपनी है जो बीमा प्रदान करता है)। दूसरे शब्दों में, बीमाकर्ता को बीमा उत्पाद की प्रत्येक विशेषता के मूल्य निर्धारण की व्याख्या करनी चाहिए। इसके द्वारा, ग्राहक सही निर्णय ले सकते हैं। इसके अलावा, यह बीमाकर्ताओं के बीच एकरूपता सुनिश्चित करेगा।
पृष्ठभूमि
इससे पहले स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में नए फीचर्स के कारण भारी कीमत में बढ़ोतरी हुई थी। अब इस नए बदलाव के साथ, बीमा कंपनी एक फ़ीचर पर लगाए गए हर पैसे के लिए जवाबदेह है।
मामला क्या है?
IRDAI ने हाल ही में स्वास्थ्य बीमा उत्पादों पर दिशानिर्देशों को संशोधित किया है। तदनुसार, स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं को मौजूदा लाभों को संशोधित करने की अनुमति नहीं थी। हालाँकि, वे अपने मौजूदा उत्पादों में नए लाभ जोड़े सकते हैं। इससे बीमा पॉलिसियों के दाम बढ़ गए थे।
नए परिवर्तनों के कानूनी पैरामीटर
IRDAI (स्वास्थ्य बीमा) विनियम, 2016 की अनुसूची III और बीमा अधिनियम, 1938 की धारा 34 के प्रावधानों के तहत बदलाव पेश किए जा रहे हैं।
IRDAI
IRDAI शीर्ष निकाय है जो भारत के बीमा उद्योग को नियंत्रित और विकसित करता है। यह IRDAI अधिनियम, 1999 के तहत स्थापित किया गया था। IRDAI का मुख्यालय हैदराबाद के तेलंगाना में स्थित है। IRDAI के मुख्य कार्य इस प्रकार हैं:
- यह पॉलिसी धारकों के अधिकारों की रक्षा करता है
- यह भारत में बीमा कंपनियों को पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदान करता है।
- यह बीमा पॉलिसियों के संशोधन, नवीनीकरण और रद्द करने के लिए भी जिम्मेदार है।
- यह देश में नीति धारकों के हितों की रक्षा के लिए दिशानिर्देश और नियम बनाता है।
भारत में बीमा क्षेत्र
भारत में बीमा क्षेत्र ने वर्षों में कई बदलाव देखे हैं। वे इस प्रकार हैं :
- एलआईसी अधिनियम, 1956।
- जीआईसी अधिनियम, 1972।
- IRDAI अधिनियम, 1999।
- निजी और विदेशी कंपनियों के लिए बीमा क्षेत्र को खोला गया था।
- 2015 में, बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश 26% से बढ़ाकर 49% किया गया था।
- 2019-20 के केंद्रीय बजट में, बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की घोषणा की गई थी।
Categories: अर्थव्यवस्था करेंट अफेयर्स
Tags:Insurance Regulatory and Development Authority of India , IRDAI , भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण