हरियाणा का धर्मांतरण विरोधी विधेयक (Haryana Anti-Conversion Bill) : मुख्य बिंदु
हरियाणा विधानसभा ने “हरियाणा धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022” पारित किया है। हरियाणा सरकार के अनुसार, इस विधेयक का उद्देश्य बल के माध्यम से धर्मांतरण को रोकना है।
मुख्य बिंदु
- यह विधेयक बल, कपटपूर्ण तरीकों, प्रलोभन या शादी की आड़ में किसी व्यक्ति के धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए लाया गया है।
- इसी तरह के विधेयक उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में भी पारित किए गए हैं।
- बिल पहली बार 4 मार्च को पेश किया गया था।
- राज्य सरकार ने कहा है कि स्वतंत्र रूप से धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को इस नए विधेयक के तहत दंडित नहीं किया जाएगा, लेकिन यह बिल किसी व्यक्ति को जबरन धर्मांतरण से बचाने के लिए प्रयास करेगा।
इस विधेयक के तहत प्रावधान
इस विधेयक के अनुसार यदि धर्म परिवर्तन बल, प्रलोभन या कपटपूर्ण तरीकों से किया जाता है तो ऐसे कृत्यों के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को एक से पांच साल तक की जेल हो सकती है और उस पर न्यूनतम 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इस विधेयक में कहा गया है कि जो कोई भी किसी महिला, नाबालिग या अनुसूचित जनजाति या अनुसूचित जाति के व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करने का प्रयास करेगा, उसे एक सजा दी जाएगी जिसमें न्यूनतम चार साल की अवधि के लिए कारावास और जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। उस व्यक्ति को न्यूनतम 3 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा।
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