हाल ही में किस देश को आर्कटिक परिषद् का पर्यवेक्षक सदस्य चुना गया?
उत्तर – भारत
फ़िनलैंड के रोवानिएमी में 11वीं आर्कटिक परिषद् की मंत्रीस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया, इस बैठक में भारत को आर्कटिक परिषद् की अंतरसरकारी फोरम में पुनः पर्यवेक्षक चुना गया है। भारत ने आर्कटिक परिषद् में और अधिक योगदान देने के लिए प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है।
आर्कटिक परिषद्
आर्कटिक परिषद् की स्थापना 1996 में ओटावा डिक्लेरेशन के बाद की गयी थी। इसका मुख्यालय नॉर्वे के ट्रोम्सो में स्थित है। आर्कटिक परिषद् के आठ परिषद् सदस्य हैं : रूस, स्वीडन, फ़िनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, कनाडा तथा अमेरिका। वर्तमान में आर्कटिक परिषद् का सदस्य आइसलैंड है। आर्कटिक परिषद् में 13 गैर-आर्कटिक देशों को भी शामिल किया गया हैं, इन देशों को परिषद् की बैठकों के लिए आमंत्रित किया जाता है, परन्तु इन देशों को वोटिंग अधिकार प्राप्त नहीं होता।
कार्य
यह एक उच्च अंतरसरकारी फोरम है, यह आर्कटिक देशों की समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करता है। इसका उद्देश्य समन्वय, सहयोग तथा इंटरेक्शन को बढ़ावा देना है। पर्यावरण सुरक्षा तथा आर्कटिक क्षेत्र में सतत विकास इसके मुख्य उद्देश्य हैं।
भारत तथा आर्कटिक क्षेत्र
भारतीय अनुसन्धानकर्ता पिछले कुछ समय से आर्कटिक क्षेत्र तथा भारतीय मानसून के बीच सम्बन्ध के बारे में खोज कार्य कर रहे हैं। केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन ध्रुवीय व महासागरीय शोध के लिए राष्ट्रीय केंद्र ने नॉर्वे के स्वालबार्ड में “हिमाद्री” नामक अनुसन्धान स्टेशन की स्थापना की है। यह अनुसन्धान स्टेशन ग्लोबल वार्मिंग का समुद्री प्रणाली, बादल निर्माण तथा वर्षण इत्यादि पर प्रभाव का अध्ययन करता है।