हिंडनबर्ग रिसर्च बनाम अदानी ग्रुप विवाद : मुख्य बिंदु

हिंडनबर्ग (Hindenburg) वित्तीय शोध कंपनी ने हाल ही में अदानी समूह पर एक शोध रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के मुताबिक, यह ग्रुप स्टॉक मैनिपुलेशन में शामिल था। रिपोर्ट के अनुसार गौतम अदानी , उनके भाई और परिवार के अन्य सदस्यों ने टैक्स हेवन का इस्तेमाल किया और शेल कंपनियों की स्थापना की। जबकि शेल कंपनियां वास्तव में काम नहीं कर रही थीं, कंपनी ने धोखे से खुद को व्यापार में फलता-फूलता दिखाया। इससे कुछ ही महीनों में समूह के शेयर की कीमतों में 815% की वृद्धि हुई। हिंडरबर्ग फाइनेंशियल रिसर्च एंटरप्राइजेज की ओर से जारी रिसर्च रिपोर्ट के बाद अदानी  के निवेशकों को एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

वर्तमान परिदृश्य

अदानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर 413 पन्नों का जवाब जारी किया। अदानी  ने रिसर्च कंपनी पर अनैतिक और रिपोर्ट के आधारहीन होने का आरोप लगाया है। इस पर हिंडनबर्ग ने जवाब दिया कि उसने अपने साक्ष्य के केवल 30 पृष्ठ जारी किए हैं। शेष 330 पृष्ठों के न्यायालय अभिलेख अभी तक जारी नहीं किए गए हैं। हिंडनबर्ग के अनुसार, वित्त शोधकर्ता के पास अदानी की अप्रासंगिक पहल, महिला उद्यमिता लाभों के दुरुपयोग आदि के खिलाफ सबूत हैं।

शेयर बाजार में अदानी

अदानी और उसके समूह की कंपनियों को सिर्फ दो दिनों में चार लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मामला राजनीति में भी आ गया है। कांग्रेस पार्टी अब अदानी समूह के साथ सत्ताधारी सरकार के घनिष्ठ संबंध पर सवाल उठा रही है।

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