हिंदी करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी : 3-4 जून 2018
1. हाल ही में किस देश में सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर रोक लगाई गई है?
डेनमार्क में सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर रोक लगाई गई है| डेनमार्क की संसद ने इस संबंध में कानून पारित किया है, जिसके मुताबिक सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने की मनाही रहेगी। यूरोप के कई देशों में बुर्का पहनने पर पहले ही रोक लगी हुई है। डेनमार्क के संसदीय कानून के मुताबिक जो भी सार्वजनिक स्थान पर चेहरा ढंककर आएगा उसे जुर्माना भरना पड़ेगा। पहली बार कानून तोड़ने पर जुर्माने की राशि 10.5 हजार और उसके बाद 10 गुना बढ़कर एक लाख रुपए तक हो सकती है। संसद में कानून के समर्थन में 70 वोट, जबकि विरोध में 30 सांसदों ने वोट किये थे।
2. हाल ही में मुख्य वन संरक्षक हेड ऑफ़ फ़ॉरेस्ट अधिकारी के रूप में किसे नियुक्त किया गया है?
मुख्य वन संरक्षक हेड ऑफ़ फ़ॉरेस्ट अधिकारी के रूप में सीएस रत्नासामी को नियुक्त किया गया है| सीएस रत्नासामी भारतीय वन सेवा 1984 बैच के अधिकारी है|
3. ‘रुथेनियम’ क्या है?
‘रुथेनियम’ पृथ्वी पर पाया जाने वाला ऐसा चौथा तत्व है, जो कमरे के तापमान पर चुंबकीय गुण को प्रदर्शित करता है|
4. पांडुरंग फुंडकर कौन है?
पांडुरंग फुंडकर महाराष्ट्र के पूर्व कृषि मंत्री थे| इन्होनें विदर्भ क्षेत्र में भाजपा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी। यह 1991-1996 के बीच पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष के पद पर रहे। उन्हाेंने तीन बार अकोला संसदीय क्षेत्र और 1978 और 1980 में खमगांव विस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था| हाल ही में इनका निधन हुआ है|
5. जिनेदिन जिदान कौन है?
जिनेदिन जिदान स्पेनिश फुटबॉल क्लब रियल मैड्रिड को लगातार तीसरी बार यूएफा चैंपियंस लीग का खिताब दिलाने वाले कोच है| जिदान ने रियल को तीन बार चैंपियंस लीग चैंपियन बनवाने के अलावा एक बार ला लिगा का खिताब भी दिलवाया था। जिदान के कार्यकाल में रियल ने कुल 149 मैच खेले। इसमें 104 में जीत मिली। 29 मैच ड्रॉ रहे और 16 में हार मिली। उनकी जीत का प्रतिशत 68.8% रहा और इस दौरान रियल ने कुल नौ ट्रॉफी जीती थी| हाल ही में जिदान ने अपने कोच पद से इस्तीफा दे दिया है|
6. हाल ही में “लिननियन पुरस्कार” से किसे सम्मानित किया गया है?
“लिननियन पुरस्कार” से भारत के वनस्पति वैज्ञानिक श्री कमलजीत बावा को सम्मानित किया गया है| कमलजीत बावा इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले प्रथम भारतीय वनस्पति वैज्ञानिक है|
7. हाल ही में ‘संतोकबा ह्यूमैनेटेरियन पुरस्कार’ से किसे सम्मानित किया गया है?
‘संतोकबा ह्यूमैनेटेरियन पुरस्कार’ से ए.एस. किरण कुमार को सम्मानित किया गया है| किरण कुमार भारत के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं तथा वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं|इन्होनें भूमि, महासागर, वातावरण और ग्रह से जुड़े अध्ययनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है|
8. हाल ही में किस टीम ने विजय हजारे ट्रॉफी जीती है?
कर्नाटक ने विजय हजारे ट्रॉफी जीती है| कर्नाटक ने विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में सौराष्ट्र को 41 से हराकर यह ट्रॉफी जीती है| कर्नाटक ने तीसरी बार रणजी ट्रॉफी जीती है| इससे पहले कर्नाटक ने 2013-14 में रेलवे को 4 विकेट से और 2014-15 में पंजाब को 156 से हराकर ट्रॉफी जीती थी|
9. नेपाल के शाही परिवार की हत्या कब की गई थी?
नेपाल के शाही परिवार की हत्या 1 जून 2001 में कर दी गई थी| इसमें शाही परिवार के 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी| इसमें राजा-रानी और परिवार के 9 अन्य सदस्य शामिल थे। इस वारदात को देश के युवराज दीपेंद्र ने अंजाम दिया था। हत्याकांड के बाद दीपेंद्र ने खुद को भी गोली मार ली थी। इस वजह से घटना के पीछे की वजह अभी रहस्य बनी हुई है। कहा जाता है कि दीपेंद्र अपनी शादी की बात को लेकर मां से नाराज था। साथ ही हथियार सौदे को लेकर राजा बीरेंद्र से नाराज था। उसे यह भी आशंका थी कि राजा कहीं निर्वाचित लोकतांत्रिक सरकार को पूरी सत्ता न सौंप दें। इसी वजह से उसने यह कदम उठाया। पूरे शाही परिवार के खात्मे के बाद बीरेन्द्र बीर बिक्रम शाह के छोटे भाई राजकुमार ज्ञानेंद्र नेपाल के राजा बने। घटना के 2 दिन बाद राजकुमार पारस को गिरफ्तार कर लिया गया। नेपाल के इतिहास में पहली बार हुआ जब राजघराने के सदस्य के खिलाफ कार्रवाई की गई हो|
10. हिंदी पत्रकारिता दिवस कब मनाया जाता है?
हिंदी पत्रकारिता दिवस प्रतिवार्स 30 मई को मनाया जाता है| आज ही के दिन 1826 में पंडित युगुल किशोर शुक्ल ने प्रथम हिन्दी समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ का प्रकाशन व संपादन आरम्भ किया था। उदंत मार्तण्ड हिंदी का प्रथम समाचार पत्र था जिसका प्रकाशन 30 मई, 1826 को कलकत्ता से एक साप्ताहिक पत्र के रूप में आरंभ हुआ था। उस समय अंग्रेज़ी, फारसी और बांग्ला में तो अनेक पत्र निकल रहे थे किंतु हिंदी में एक भी पत्र प्रकाशित नहीं होता था। प्रारंभिक रूप में इसकी केवल 500 प्रतियां ही मुद्रित हुई थीं पर इसके पाठक कलकत्ता से बहुत दूर होने के कारण इसका प्रकाशन लम्बे समय तक न चल सका क्योंकि उस समय कलकत्ता में हिंदी भाषियों की संख्या बहुत कम थी व डाक द्वारा भेजे जाने वाले इस पत्र के खर्चे इतने बढ़ गए कि इसे अंग्रेज़ों के शासन में चला पाना असंभव हो गया। अंतत: 4 दिसम्बर 1826 को इसके प्रकाशन को विराम देना पड़ा था|