हुआलॉन्ग वन – जानिये चीन के पहले स्वदेशी परमाणु उर्जा रिएक्टर के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

हाल ही में चीन ने अपने पहले स्वदेशी रूप से विकसित तीसरी पीढ़ी के परमाणु ऊर्जा रिएक्टर हुआलॉन्ग वन को राष्ट्रीय ग्रिड से कनेक्ट किया है। हुआलॉन्ग वन इस प्रकार का पहला परमाणु ऊर्जा रिएक्टर है।

हुआलॉन्ग वन

चीन के नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन के अनुसार, फ़ुज़ियान प्रांत में स्थित फ़्यूकिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट की यूनिट 5 को पहली बार ग्रिड से कनेक्ट किया गया था। यूनिट 5 दुनिया का पहला परमाणु ऊर्जा रिएक्टर है, जिसने हुआलॉन्ग वन तकनीक को अपनाया है। यह कभी भी 10 बिलियन किलोवाट ऑवर बिजली पैदा कर सकता है। इससे चीन को अपने कार्बन उत्सर्जन में 8.16 मिलियन टन की कटौती करने में मदद मिलेगी।

हुआलॉन्ग वन दुनिया के सबसे उन्नत परमाणु ऊर्जा रिएक्टर में से एक है। हुआलॉन्ग वन की तकनीक के लिए 700 से अधिक पेटेंट हैं। हुआलॉन्ग वन परमाणु रिएक्टर की उम्र 60 साल है। यह 177 रिएक्टर कोर से बना है। ये कोर हर 18 महीने में बदल दिए जाएंगे।

हुआलॉन्ग वन का निर्माण 2015 में शुरू हुआ था, इस पर पर 10,000 से अधिक तकनीशियनों ने कार्य किया। वर्तमान में चीन और विश्व के अन्य हिस्सों में 6 इकाइयाँ निर्माणाधीन हैं, जो हुआलॉन्ग वन तकनीक पर आधारित हैं।

चीन में परमाणु ऊर्जा

2019 तक, चीन की वार्षिक बिजली का केवल 5% से भी कम परमाणु ऊर्जा से आता है। अब इसमें वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि चीन 2060 तक कार्बन तटस्थ बनने की कोशिश कर रहा है। चीन के पास 47 परमाणु ऊर्जा संयंत्र हैं। वे एक साथ 48.75 मिलियन किलोवाट बिजली पैदा करते हैं। इसके साथ ही चीन के पास संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी परमाणु ऊर्जा क्षमता है।

चीन की अन्य परमाणु परियोजनाएँ

चीन ग्वांग्शी स्वायत्त क्षेत्र में दो अन्य ड़ेमोंसस्ट्रेशन हुआलॉन्ग वन इकाइयों का निर्माण कर रहा है। ये इकाइयां 2020 में अपना परिचालन शुरू करेंगी। चीन के नेशनल न्यूक्लियर कॉरपोरेशन ने झांगझोऊ संयंत्र में दो अन्य हुआलॉन्ग इकाइयों का निर्माण भी शुरू कर दिया है।

चीन ने पाकिस्तान के लिए पांच हुआलॉन्ग वन न्यूक्लियर रिएक्टरों की योजना बनाई है। योजना के अनुसार चार रिएक्टर कराची परमाणु ऊर्जा संयंत्र में और एक चश्मा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में निर्मित किये जायेंगे। इनमें से दो इकाइयां निर्माणाधीन हैं। इनका निर्माण 2015 में शुरू हुआ था और यह इकाईयां 2021 और 2022 तक वाणिज्यिक संचालन शुरू कर देंगी।

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