1 दिसम्बर : विश्व एड्स दिवस
प्रतिवर्ष 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसका उद्देश्य एड्स रोग के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस दिवस को पहली बार 1988 में मनाया गया था।
थीम : Ending the HIV/AIDS epidemic: Resilience and Impact
पृष्ठभूमि
वर्ष 2017 तक एड्स के कारण विश्व भर में 28.9 मिलियन से 41.5 मिलियन लोगों की मृत्यु हो चुकी है। तथा विश्व भर में 36.7 मिलियन HIV से पीड़ित है। विश्व एड्स दिवस की संकल्पना अगस्त, 1987 में जेम्स बन तथा थॉमस नेटर ने की थी, वे विश्व स्वास्थ्य संगठन में एड्स पर वैश्विक कार्यक्रम में जन सूचना अधिकारी के रूप में कार्यरत्त थे। इसके पश्चात् 1 दिसम्बर, 1988 को पहली बार विश्व एड्स दिवस मनाया गया।
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम
भारत में एड्स को रोकने और नियंत्रित करने के लिए इसे 1992 में लॉन्च किया गया था। अब तक, इस कार्यक्रम के चार चरणों को लागू किया गया है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन इस कार्यक्रम को लागू कर रहा है।
वर्तमान में, भारत राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (2017-24) को लागू कर रहा है जिसका उद्देश्य 2030 तक एड्स को खत्म करना है।
भारत में एचआईवी / एड्स
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के अनुसार, 2015 में भारत में 2.11 मिलियन से अधिक लोग एचआईवी से पीड़ित थे। 2018 तक, भारत में एड्स रोगियों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी थी।
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