2 नवंबर: राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस (National Ayurveda Day)
आयुष मंत्रालय द्वारा 2 नवंबर, 2021 को पूरे देश में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया गया।
मुख्य बिंदु
- आयुर्वेद भारत की स्वास्थ्य प्रणाली का एक अभिन्न अंग है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने 2016 में धन्वंतरि जयंती (जिसे धनतेरस भी कहा जाता है) को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाना शुरू किया।
- इस दिन को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का राष्ट्रीयकरण करने और इसे वैश्विक बनाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
थीम
वर्ष 2021 में, राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस “Ayurveda for Poshana” थीम के तहत मनाया गया।
आयुर्वेद दिवस का इतिहास
भारत हर साल धनतेरस के शुभ अवसर पर आयुर्वेद दिवस मनाता है। यह दिन 2016 से धन्वंतरि जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन हमारे दैनिक जीवन में आयुर्वेद के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह आयुर्वेद की ताकत और इसके अनूठे उपचार सिद्धांतों पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
धनतेरस का इतिहास
भगवान धन्वंतरि आयुर्वेदिक चिकित्सा के देवता हैं। इस प्रकार, धनतेरस हर साल सभी की भलाई के लिए मनाया जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान धन्वंतरि (देवताओं के एक चिकित्सक) समुद्र मंथन के दौरान देवों और असुरों के सामने प्रकट हुए थे। वह अपने हाथ में अमृत और आयुर्वेद ग्रन्थ पकड़े हुए थे।
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