20 मई : विश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day)

संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day) के रूप में मनाया जाता है।

मुख्य बिंदु

विश्व मधुमक्खी दिवस स्लोवेनियाई मधुमक्खी पालन के अग्रणी एंटोन जानसा (Anton Jansa) के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। परागणकों, चिड़ियों, तितलियों, चमगादड़ों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिन मनाया जा रहा है। जैव विविधता पर कन्वेंशन (Convention on Biological Diversity) इन परागणकों के संरक्षण पर भी ध्यान केंद्रित करता है। 2000 में, COP (Conference of Parties) V में अंतर्राष्ट्रीय परागकण पहल (International Pollinator Initiative) शुरू की गई थी। यह पहल कृषि में परागणकों की स्थिरता पर केंद्रित है।

महत्व

मधुमक्खियां सबसे बड़ी परागणकर्ता (pollinator) हैं। वे वर्तमान में निवास स्थान के नुकसान, परजीवियों, बीमारियों और कृषि कीटनाशकों के कारण बड़े खतरों में हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व की लगभग 35% कृषि अभी भी परागणकों पर निर्भर है।

अंतर्राष्ट्रीय परागक पहल (International Pollinator Initiative)

इंटरनेशनल पोलिनेटर इनिशिएटिव का मुख्य उद्देश्य समन्वित विश्वव्यापी कार्रवाई को बढ़ावा देना है। इसे जैविक विविधता पर कन्वेंशन (Convention on Biological Diversity) के तहत लॉन्च किया गया था। यह पहल 2030 तक चलने वाली है। भारत भी इस पहल का हिस्सा है।

जैव विविधता पर कन्वेंशन (Convention on Biological Diversity ) एक बहुपक्षीय संधि है। इसे 1992 में रियो डी जेनेरियो में आयोजित पृथ्वी शिखर सम्मेलन में शुरू किया गया था।

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