2020 में नौकरी छूटने के कारण बढ़ी आत्महत्या करने वालों की संख्या : NCRB

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau – NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, पहले महामारी वर्ष, 2020 में  बेरोजगारों के बीच आत्महत्या की सबसे अधिक संख्या देखी गई।

मुख्य बिंदु

  • आत्महत्या करने वालों का आंकड़ा पहली बार 3,000 का आंकड़ा पार कर गया है।
  • राज्य मंत्री (गृह) नित्यानंद राय के लिखित उत्तर के अनुसार, 3548 लोगों की आत्महत्या से मृत्यु हुई।
  • 2020 में आत्महत्या करने वालों की कुल संख्या 1.53 लाख थी, जबकि 2019 में यह संख्या 1.39 लाख थी।

कर्ज के कारण की आत्महत्या

2018 और 2020 के बीच, दिवालिएपन या कर्ज के कारण आत्महत्या से 16,091 लोगों की मौत हुई। इसमें  2019 में 5908 जबकि 2020 में 5213 लोगों की मौत हुई।

सर्वाधिक आत्महत्या वाले राज्य

  • NCRB के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में कर्नाटक में बेरोजगारों में आत्महत्या करने वालों की संख्या सबसे अधिक (720) दर्ज की गई। इसके बाद महाराष्ट्र (625), तमिलनाडु (336), असम (234), और उत्तर प्रदेश (227) का स्थान है।
  • जबकि कर्ज या दिवालियेपन के कारण आत्महत्या के मामले में, महाराष्ट्र 1341 मौतों के साथ सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद कर्नाटक (1,025), तेलंगाना (947), आंध्र प्रदेश (782) और तमिलनाडु (524) का स्थान है।
  • तमिलनाडु को छोड़कर, अन्य राज्यों में आमतौर पर अधिकांश किसान आत्महत्याएं करते हैं।

बेरोजगारों में आत्महत्या

NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, साल दर साल बेरोजगारों की आत्महत्याएं बढ़ रही हैं:

  • 2019 में, 2851 आत्महत्याएं
  • 2018 में 2741 आत्महत्याएं
  • 2017 में 2404 आत्महत्याएं
  • 2016 में 2298 आत्महत्याएं
  • 2015 में 2723 आत्महत्याएं
  • 2014 में 2207 आत्महत्याएं

सरकार इस मुद्दे को कैसे संबोधित कर रही है?

सरकार मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करके और रोजगार के अवसर पैदा करके इस मुद्दे का समाधान कर रही है।

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Mental Health Programme – NMHP)

मानसिक विकारों के बोझ को दूर करने के लिए सरकार “राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP)” लागू कर रही है। NMHP के तहत, सरकार भारत में 692 जिलों में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (DMHP) के कार्यान्वयन का समर्थन कर रही है। NMHP का उद्देश्य स्कूलों और कॉलेजों में आत्महत्या रोकथाम सेवाएं, जीवन-कौशल प्रशिक्षण और परामर्श, कार्यस्थल तनाव प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं जैसे रोकथाम और जिला स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली के विभिन्न स्तरों पर दीर्घकालिक निरंतर देखभाल प्रदान करना है।

रोजगार सृजन के लिए सरकार के कदम

सरकार आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY), प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), नौकरी मिलान के लिए राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) परियोजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से रोजगार और आय सृजन के लिए कई कार्यक्रम चला रही है।

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