2021-22 में भारत में FDI रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और कोविड -19 महामारी के बावजूद, वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रवाह 83.57 बिलियन डालर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। इससे पता चलता है कि वैश्विक निवेशकों के बीच भारत की छवि अनुकूल है।

मुख्य बिंदु 

वित्तीय वर्ष 2003-04 के बाद से भारत का विदेशी निवेश प्रवाह 20 गुना बढ़ गया जब यह केवल 4.3 बिलियन डालर था। कोविड -19 महामारी के बाद, FDI प्रवाह में 23% की वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2020-21 में FDI प्रवाह 1.60 अरब डॉलर रहा।

उदार और पारदर्शी FDI नीति के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि भारत एक आकर्षक और निवेशक-अनुकूल गंतव्य बना रहे। हाल ही में सरकार ने ऑटोमेटिक रूट के तहत कई क्षेत्रों को FDI के लिए खोल दिया है। कोयला, डिजिटल मीडिया, एकल-ब्रांड खुदरा व्यापार, नागरिक उड्डयन, बीमा, दूरसंचार आदि जैसे क्षेत्रों में सुधार भी भारत में निवेश को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

किन क्षेत्रों में सर्वाधिक FDI प्राप्त हुआ?

वित्त वर्ष 2021-22 में, 25% की हिस्सेदारी के साथ “कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर” क्षेत्र शीर्ष क्षेत्र बना रहा, इसके बाद सेवा क्षेत्र और ऑटोमोबाइल क्षेत्र का स्थान रहा। 2020-21 की तुलना में 2021-211 में विनिर्माण क्षेत्रों में FDI प्रवाह में 76% की वृद्धि हुई।

शीर्ष निवेशक देश कौन सा है?

वित्त वर्ष 2021-22 में, सिंगापुर 27% की हिस्सेदारी के साथ FDI इक्विटी प्रवाह का शीर्ष निवेशक देश है। सिंगापुर के बाद अमेरिका (18%) और मॉरीशस (16%) का नंबर आता है।

भारत के किस राज्य में सर्वाधिक FDI प्राप्त हुआ?

कर्नाटक कुल FDI इक्विटी प्रवाह में 38% हिस्सेदारी के साथ शीर्ष प्राप्तकर्ता राज्य है, इसके बाद महाराष्ट्र (26%) और दिल्ली (14%) है।

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