23 दिसम्बर को ही क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय किसान दिवस?
प्रतिवर्ष 23 दिसम्बर को भारत में राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है, यह दिवस भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की समृति में मनाया जाता है। इस दिवस को चरण सिंह जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। 23 दिसम्बर को चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था।
किसान आंदोलन
मौजूदा समय में पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा कृषि कानूनों का पुरजोर विरोध किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा पारित किये तीन कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कानूनों को सितंबर 2020 में लागू किया गया था। इस कानूनों ने कृषि उत्पादों की बिक्री, मूल्य निर्धारण और भंडारण के नियमों में थोड़ी ढील दी है।
इन कानूनों से असहमति के कारण किसानों ने एक शांतिपूर्ण विरोध शुरू किया, इस आन्दोलन को ‘दिल्ली चलो’ नाम दिया है। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व अधिकांश पंजाबी और सिख किसान कर रहे हैं। किसानों को भय है कि नए कृषि बिल उनकी आजीविका के लिए खतरा हैं।
चौधरी चरण सिंह
चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे, वे 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 के बीच देश के प्रधानमंत्री रहे। उनका जन्म 23 दिसम्बर, 1902 को ब्रिटिश भारत के संयुक्त प्रांत के नूरपुर (अब उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वे 1967 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े रहे। तत्पश्चात 1967-77 के दौरान वे भारतीय लोक दल से जुड़े रहे। 1977 से 1980 के बीच में जनता पार्टी के साथ रहे। इसके पश्चात् 1980 से 1987 के दौरान वे लोकदल से जुड़े हुए थे।
चौधरी चरण सिंह 3 अप्रैल, 1967 से 25 फरवरी, 1968 के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। इसके पश्चात् वे 24 मार्च, 1977 से 1 जुलाई, 1978 के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री रहे। 24 जनवरी, 1979 से 28 जुलाई, 1979 के दौरान वे देश के वित्त मंत्री रहे। उनका निधन 29 मई, 1987 को नई दिल्ली में हुआ था।
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