24 दिसम्बर को ही क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस

प्रतिवर्ष 24 दिसम्बर को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। 24 दिसम्बर, 1986 को उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 को राष्ट्रपति ने मंज़ूरी दी थी।  इस दिवस के द्वारा उपभोक्ता के अधिकारों व उत्तरदायित्व पर प्रकाश डाला जाता है।

उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986

भारत में उपभोक्ता के अधिकारों की सुरक्षा के लिए यह अधिनियम काफी महत्वपूर्ण था। इस अधिनियम के द्वारा ख़राब वस्तु व सेवा तथा असंगत व्यापार इत्यादि से उपभोक्ता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी। इस अधिनियम के द्वारा उपभोक्ता की शिकायतों के निवारण के लिए तीव्र व्यवस्था बनाई गयी है। इस अधिनियम में संयुक्त राष्ट्र चार्टर में वर्णित उपभोक्ता के 8 में से 6 अधिकारों को शामिल किया गया है। यह अधिकार हैं:-

  1. सुरक्षा का अधिकार
  2. सूचना का अधिकार
  3. चुनने का अधिकार
  4. सुनने का अधिकार
  5. शिकायत का अधिकार
  6. शिक्षा का अधिकार

विश्‍व उपभोक्‍ता अधिकार दिवस

World Consumer Rights Day- Consumers International ने 24 साल पहले 1983 में उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाने की शुरूआत की। दुनिया में 15 मार्च को यह दिन मनाया जाता हैं। इस दिन को मनाने का एक ही कारण था कि ग्राहकों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी हो बहुत से ग्राहकों को अधिकारों की जानकारी न होने के कारण परेशानी उढानी पड़ती हैं। ग्राहकों को यह जानकारी होनी चाहिए कि अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए उनका क्या अधिकार हैं, दुनिया भर की सरकारें उपभोक्ताओं के अधिकारों का ख्याल रखें।

उपभोक्‍ता आंदोलन की शुरूआत अमेरिका में रल्प नाडेर द्वारा की गई थी, जिसके परिणाम स्‍वरूप 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के द्वारा उपभोक्ता संरक्षण का विधेयक पेश किया गया।

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