29 सितंबर: विश्व हृदय दिवस (World Heart Day)

हर साल, विश्व हृदय दिवस 29 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन हृदय रोगों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ल्ड हार्ट फाउंडेशन ने की थी।

मुख्य बिंदु

यह दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि कार्डियो वैस्कुलर रोग मृत्यु का प्रमुख कारण है। इसके कारण प्रतिवर्ष 17.9 मिलियन लोग मरते हैं। साथ ही, यह दिन इसलिय भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तंबाकू के सेवन, शारीरिक निष्क्रियता और अस्वास्थ्यकर आहार के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाता है। इन सावधानियों से ही हृदय रोगों से होने वाली 80% अकाल मौतों को रोका जा सकता है।

भारत के उपाय

  • 2017 में शुरू की गई भारत की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का उद्देश्य 2025 तक कार्डियो वैस्कुलर रोगों, मधुमेह, कैंसर और सांस की बीमारियों से होने वाली मृत्यु दर को 25% तक कम करना है।
  • कैंसर, मधुमेह और हृदय संवहनी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम 2010 में शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम शीघ्र निदान, स्वास्थ्य संवर्धन और प्रबंधन पर केंद्रित है।

सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal)

हृदय रोग जैसे गैर-संचारी रोग (non-communicable diseases) सतत विकास के 2030 एजेंडे की प्रगति के लिए खतरा हैं। सतत विकास लक्ष्य  एक उद्देश्य गैर-संचारी रोगों से समय से पहले होने वाली मौतों को 2030 तक एक तिहाई तक कम करना है।

भारत में हृदय रोग

भारत में, अधिक शहरीकृत राज्यों के लोगों को हृदय रोगों के उच्च जोखिम का सामना करना पड़ता है। केरल में सबसे अधिक 19.5% जोखिम है, उसके बाद झारखंड में 13.5% है। उत्तर, दक्षिण और उत्तर पूर्व में बॉडी मास इंडेक्स अधिक है। इससे उच्च रक्तचाप और मधुमेह बढ़ जाता है।

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