इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन क्या है?

हाल ही में, कई दवा निर्माता COVID-19 वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (Emergency Use Authorization) की मांग कर रहे हैं। फाइजर ने यू.के. में आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए आवेदन किया था और यू.के. की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी द्वारा इसे मंज़ूरी भी दी गयी है। इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और मॉडर्ना ने भी COVID-19 वैक्सीन के इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन के लिए आवेदन किया है।

इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन  क्या है?

टीके, दवाओं, नैदानिक ​​परीक्षणों और चिकित्सा उपकरणों को एक नियामक प्राधिकरण से उनके उपयोग के लिए मंज़ूरी लेनी पड़ती है, जो भारत में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation) द्वारा दी जाती है। इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता का आकलन करने के बाद यह मंजूरी दी जाती है। यह आम तौर पर एक लंबी प्रक्रिया होती है। आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) एक ऐसी प्रणाली है जिसका उपयोग विनियामक निकायों द्वारा आपात स्थिति के मामले में अंतरिम मंज़ूरी प्रदान करने के लिए किया जाता है। यह केवल तब किया जाता है जब पर्याप्त सबूत हों। लेकिन, अंतिम मंज़ूरी, परीक्षण पूरा होने के बाद ही दी जाती है।

इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन  कब दिया जा सकता है?

अमेरिका में, खाद्य और औषधि प्रशासन इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन  को तब मंजूरी देता है, जब यह साबित जाए कि टीके के संभावित लाभ उसके संभावित जोखिमों से ज्यादा हैं। दूसरे शब्दों में, चरण III परीक्षणों के अंत में पर्याप्त प्रभावकारिता डेटा प्राप्त होए होने के बाद ही आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्रदान किया जाता है। चरण 1 या चरण 2 परीक्षणों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्रदान नहीं किया जा सकता है।

कोविड-19 वैक्सीन के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन ने कहा है कि यह आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए एक आवेदन पर विचार करेगा यदि चरण 3 का डेटा रोग को रोकने में कम से कम 50% प्रभावकारिता साबित करता है। यह डेटा 3000 से अधिक स्वयंसेवकों से प्राप्त किया जाना चाहिए।

भारत में आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण

भारत में दवा नियमों में आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए प्रावधान नहीं हैं। हालांकि, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) कोविड-19 दवाओं को सीमित आपातकालीन मंजूरी दे रहा है। उदाहरण के लिए, सीडीएससीओ ने Favipiravir और रेमेडीसविर के लिए जून में और Itolizumab के लिए जुलाई में सीमित आपातकालीन स्वीकृति प्रदान की।

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