भारत के लिए चीनी निर्यात में कमी क्यों आ रही है?
हाल ही में जारी सीमा शुल्क आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि पिछले 11 महीनों में पहली बार भारत के लिए चीन के निर्यात में 13% की कमी आई है।
मुख्य बिंदु
इसी अवधि के दौरान चीन का भारत से आयात 16% बढ़ा है। डाटा से ज्ञात होता है कि, चीन ने जनवरी से नवंबर के बीच भारत को लगभग 59 बिलियन डॉलर के उत्पादों का निर्यात किया है, इसमें 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है।
पहले 11 महीनों में इस अवधि में चीन ने भारत से 19 अरब डॉलर का माल आयात किया है, इसमें 16% की बढ़ोत्तरी हुई है। 2019 में दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा घटकर लगभग 40 बिलियन डॉलर हो गया है।
भारत-चीन व्यापार घाटा
भारत और चीन के बीच व्यापार घाटा एक प्रमुख चिंता का विषय है। वर्ष 2019 में, चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 2% कम हो गया था। 2005 के बाद से यह व्यापार घाटे में पहली कमी थी। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार 56.95 अरब डॉलर था। 2019 में दोनों देशों के बीच व्यापार 92.89 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था।
चीन का भारत को निर्यात
चीन ने वर्ष 2019 में भारत को जैविक रसायन, एंटीबायोटिक, उर्वरक और एल्यूमीनियम फॉयल का निर्यात किया।
भारत का चीन को निर्यात
भारत ने चीन को कार्बनिक रसायन, मछली, लौह अयस्कों, क्रस्टेशियंस, ग्रेनाइट पत्थर और कपास का निर्यात किया।
चीन-भारत सीमा विवाद
दोनों देशों के बीच व्यापार में कमी होने का प्रमुख कारण सीमा विवाद है। लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच काफी समय से गतिरोध बना हुआ है। इसके बाद भारतीय सरकार ने चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए कई कड़े कदम उठाये हैं। भारत सरकार ने कई चीनी एप्स पर प्रतिबन्ध लगा दिया है और इसके अलावा कई चीनी निवेश परियोजनाओं पर भी सरकार ने रोक लगाईं है। इसके अलावा लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के बाद भारत में चीनी सामानों के बहिष्कार को भी बल मिला है।
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