Crawler सॉफ्टवेयर क्या है?

हाल ही महाराष्ट्र पुलिस की साइबर विंग ने INTERPOL से “क्रॉलर” नामक एक सॉफ्टवेयर प्राप्त किया, यह सॉफ्टवेयर चाइल्ड पोर्नोग्राफी को ट्रैक करने में मदद करेगा। सॉफ्टवेयर से जुड़े एक मिशन को क्रियान्वित करने के लिए 12 अधिकारियों की एक कोर यूनिट बनाई गई है। ये बारह अधिकारी इंटरपोल के दक्षिण एशियाई विंग से प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इस यूनिट का नाम TRACE रखा गया है। TRACE का अर्थ Tactical Response Against Cyber Child Exploitation।

क्रॉलर सॉफ्टवेयर क्या है?

INTERPOL से प्राप्त यह सॉफ्टवेयर विभिन्न मैकेनिज्म का उपयोग करता है जैसे कि चित्रों में नग्नता का पता लगाना और उनके चेहरे की संरचनाओं के माध्यम से व्यक्ति की उम्र का पता लगाना इत्यादि। इसमें एक इनबिल्ट एल्गोरिथ्म है जो चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसे कीवर्ड्स की तलाश करेगा। एल्गोरिथ्म तब उन फोरम को ट्रैक करेगा जो इन कीवर्ड्स का उपयोग करते हैं।

TRACE क्या है?

2019 के बाद से देश भर में बाल यौन उत्पीड़न सामग्री (CSAM) के खिलाफ एक बड़े अभियान के एक भाग के रूप में TRACE यूनिट की स्थापना की गई थी। इस टीम ने हाल ही में इन मामलों को ट्रैक करने के लिए इस सॉफ्टवेयर के उपयोग के लिए पूरे महाराष्ट्र में लगभग 270 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया।

अब तक इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त करीब 50 लोगों को गिरफ्त में लिया गया है।

बाल यौन शोषण सामग्री (Child Sexual Abuse Material)

अमेरिकी NGO नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रेन से टिप्स मिलने के बाद भारत ने बाल यौन शोषण सामग्री के खिलाफ काफी कारवाई की। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो और एनजीओ के बीच संयुक्त उद्यम के माध्यम से, बाल पोर्नोग्राफ़ी पर नज़र रखने के लिए युक्तियों का एक संग्रह बनाया गया और उसे राज्यों को दिया गया। इसके साथ सितंबर 2019 और जनवरी 2020 के बीच चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लगभग 25,000 मामले सामने आए। इस सूची में दिल्ली सबसे ऊपर है, इसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं।

ऑपरेशन ब्लैकफेस

यह बाल यौन उत्पीड़न सामग्री के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का एक हिस्सा है। इस ऑपरेशन में क्रॉलर सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जायेया और TRACE टीम को तैनात किया जायेगा।

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