केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए सेबी के प्रस्ताव को मंजूरी दी

हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सेबी ने भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड और लक्समबर्ग के फाइनेंशियल कमीशन डे सर्विलांस डु सेक्टर फाइनेंसर (CSSF) के बीच एक द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव दिया है।

मुख्य बिंदु

इस समझौता ज्ञापन पर सीमा पार सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से हस्ताक्षरित किया गया है। यह समझौता ज्ञापन प्रतिभूति नियमों के क्षेत्र में सहयोग का प्रयास करता है। यह आपसी सहायता को सुविधाजनक बनाने और पर्यवेक्षी कार्यों के कुशल प्रदर्शन की दिशा में योगदान करने का प्रयास करता है। यह भारत और लक्समबर्ग के प्रतिभूति बाजारों को नियंत्रित करने वाले कानूनों और नियमों के प्रभावी प्रवर्तन को भी सक्षम करेगा।

महत्व

• यह प्रस्तावित द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन सूचना साझाकरण ढांचे को मजबूत करने में योगदान देगा।
• यह तकनीकी सहायता कार्यक्रम स्थापित करने में भी मदद करेगा।
• यह तकनीकी सहायता कार्यक्रम पूंजी बाजार, क्षमता निर्माण गतिविधियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से संबंधित मामलों पर अधिकारियों को परामर्श प्रदान करेगा।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)

सेबी 1988 में स्थापित भारत में प्रतिभूति बाजार के लिए सांविधिक नियामक है। इसे सेबी अधिनियम, 1992 के माध्यम से सांविधिक शक्तियां दी गई थीं। इसका मुख्य कार्य प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना, प्रतिभूति बाजार के विकास को बढ़ावा देना और प्रतिभूति बाजार को विनियमित करना है। इसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है।

फाइनेंशियल कमीशन डे सर्विलांस डु सेक्टर फाइनेंसर (CSSF)

CSSF लक्समबर्ग का नियामक है। यह एक सार्वजनिक कानून इकाई है। इसकी स्थापना दिसंबर 1998 में की गयी थी। यह पूरे लक्समबर्ग वित्तीय केंद्र की देखरेख करता है। हालांकि, यह बीमा क्षेत्र को विनियमित नहीं करता है। CSSF कानूनी रूप से प्रतिभूति बाजार को विनियमित करने और पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार है।

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