फ्रांस ने इस्लामिक कट्टरवाद का मुकाबला करने के लिए नया बिल पेश किया
9 दिसंबर, 2020 को फ्रांस की सरकार एक मसौदा कानून प्रस्तुत किया है। यह मसौदा कानून इस्लामिक कट्टरवाद का मुकाबला करने के लिए पेश किया गया है। फ्रांसीसी सरकार इसे “स्वतंत्रता का कानून” कह रही है जो फ्रांसीसी समाज में शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व के लिए आवश्यक है। यह कानून “अलगाववादियों” को जड़ से उखाड़ने की कोशिश करता है जो राष्ट्र को कमजोर कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु
फ्रांस ने कई आतंकवादी हमलों का सामना किया है। हाल ही में एक शिक्षक (अक्टूबर 2020 में) की वीभत्स हत्या की गयी थी, इसके बाद नीस के सबसे बड़े चर्च के अंदर एक हमला हुआ था जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी।
बिल के प्रावधान
• यह प्रस्तावित बिल फ्रांसीसी मूल्यों के विपरीत चलने वाली अपनी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले घरेलू स्कूलों, मस्जिदों या संघों को लक्षित करता है।
• अधिकारियों द्वारा इस विपरीत विचारधारा को “इस्लामवादी हाइड्रा” कहा गया है क्योंकि इससे हिंसा की आशंका है।
• इस बिल ने चर्च और सरकार को अलग करने वाले फ्रांस के 1905 के कानून में भी बदलाव किया है।
• इस ड्राफ्ट बिल में उस डॉक्टर के लिए भी प्रावधान है जो युवती को उसके कौमार्य का प्रमाण पत्र प्रदान करता है। इस बिल द्वारा इस प्रकार की गतिविधियों को आपराधिक घोषित किया गया है और इसके लिए जुर्माने और एक साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है। मुस्लिम विवाह समारोहों के दौरान कभी-कभी ऐसे प्रमाणपत्रों की मांग की जाती है।
• ज़बरन विवाह को रोकने के लिए, यदि अधिकारी को विवाह की सहमती पर आशंका है तो वह अलग से उस जोड़े से बात कर सकता है।
आलोचना
इस बिल की तुर्की और अन्य मुस्लिम देशों ने काफी आलोचना की है। अमेरिका ने भी इस बिल की आलोचना की है और कहा है कि यह अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।
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