इंडिया वाटर इम्पैक्ट समिट : मुख्य बिंदु

10 दिसंबर, 2020 को पहला भारत जल प्रभाव शिखर सम्मेलन (India Water Impact Summit) शुरू हुआ था। इस वर्ष इस  शिखर सम्मेलन की थीम निम्नलिखित है :

थीम: Comprehensive analysis and Holistic management of rivers and water bodies with a focus on Arth Ganga.

शिखर सम्मेलन

इस शिखर सम्मेलन का आयोजन नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा और सेंटर फॉर गंगा रिवर बेसिन मैनेजमेंट एंड स्टडीज द्वारा किया जा रहा है। यह शिखर सम्मेलन जल क्षेत्र में निवेशकों और हितधारकों के लिए एक साझा प्लेटफार्म के रूप में कार्य करेगा। यह शिखर सम्मेलन नदी प्रबंधन के लिए भारत और कई अन्य देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा।

अर्थ गंगा क्या है?

यह एक विकास मॉडल का अर्थ है जो गंगा से संबंधित आर्थिक गतिविधियों पर केंद्रित है। इस प्रक्रिया के तहत, किसानों को गंगा नदी के किनारे पर सतत कृषि प्रथाओं, पौधों की नर्सरी बनाने, शून्य बजट खेती और फलदार पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

उपरोक्त गतिविधियों के साथ-साथ अर्थ गंगा में पानी से जुड़े हुए खेल, वाकिंग ट्रैक, कैंप साइट्स का विकास, साइकिलिंग आदि के लिए बुनियादी ढाँचे का निर्माण भी शामिल होगा। इसका उद्देश्य धार्मिक और साहसिक पर्यटन क्षमता का दोहन करना है है।

नमामि गंगे

इसे स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन भी कहा जाता है। इसे 2014 में गंगा के संरक्षण और कायाकल्प के लिए शुरू किया गया था। इसे राष्ट्रीय गंगा परिषद् द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है, राष्ट्रीय गंगा परिषद् ने 2016 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की जगह ली थी। इस कार्यक्रम के मुख्य स्तंभ जैव विविधता और वनीकरण, जन जागरूकता, सीवेज उपचार के बुनियादी ढांचे और औद्योगिक प्रवाह की निगरानी, रिवरफ्रंट विकास और नदी की सतह की सफाई हैं।

इस मिशन के तहत अब तक लगभग 313 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनकी लागत 25,000 करोड़ रुपये हैं।

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