विशेषाधिकार प्रस्ताव क्या होता है?

हाल ही में बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह महल के खिलाफ महाराष्ट्र विधान परिषद में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। COVID-19 से जुड़े मुद्दों पर बीएमसी कमिश्नर को लिखे गए पत्रों का जवाब नहीं देने के लिए यह प्रस्ताव लाया गया है।

पृष्ठभूमि

प्रवीण दरेकर ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) प्रमुख को मुंबई में COVID-19, जर्जर इमारतों, अवैध संरचनाओं और नालियों की सफाई जैसे मुद्दों के बारे में पत्र लिखे थे।

विशेषाधिकार प्रस्ताव

सांसदों को व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से कुछ विशेषाधिकार प्राप्त हैं जो उन्हें अपने कर्तव्यों को सही तरीके से निभाने के लिए बाध्य करते हैं। यदि कोई भी सदस्य विशेषाधिकारों या अधिकारों की अवहेलना या दुरुपयोग करता है, तो इसे विशेषाधिकार प्रस्ताव का उल्लंघन कहा जाता है। यह प्रस्ताव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के लिए लागू है।

विशेषाधिकार प्रस्ताव का उल्लंघन

विशेषाधिकार का उल्लंघन सांसदों या संसद के किसी भी विशेषाधिकार का दुरुपयोग है। संसदीय कानूनों के तहत विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दंडनीय है। लोकसभा में इस प्रस्ताव का उल्लंघन अध्यक्ष द्वारा देखा जाता है और राज्यसभा में अध्यक्ष द्वारा इस पर ध्यान दिया जाता है।

संसदीय विशेषाधिकार

ये ऐसे अधिकार और प्रतिरक्षा हैं जो सांसदों और संसद को प्राप्त हैं। इन विशेषाधिकारों के बिना, वे अपने कार्यों का निर्वहन नहीं कर सकते हैं जो कि संविधान द्वारा निर्धारित किए गए हैं।

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